कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. पिछले महीने लॉकडाउन के लागू होने के बाद से दिहाड़ी मज़दूर बेरोज़गार हो गए थे. उनके सामने रोज़ी-रोटी की समस्या मुंब बाए खड़ी थी. ऐसे लोगों की मदद के लिए आम से लेकर ख़ास आदमी सभी आगे आए हैं. कोई उन्हें भोजन दे रहा है तो कोई रहने का आसरा. मुंबई कि एक मस्जिद भी रोज़ाना ऐसे ही 800 मज़दूरों को खाना खिला रही है.
ये मस्जिद मुंबई के साकीनाका इलाके में हैं. इसमें लॉकडाउन के चलते बेरोज़गार हुए लगभग 800 लोगों के लिए रोज़ खाना बनता है. खैरानी रोड पर स्थित जामा मस्जिद अहले हदीस नाम की इस मस्जिद के लोग आस-पास के इलाके में ज़रूरतमंदों को चावल और दाल भी राशन के रूप में दे रहे हैं.
इस संदर्भ में बात करते हुए मस्जिद के मौलाना आतिफ़ सनबअली ने कहा-‘Covid-19 की तरह ही भूख भी एक गंभीर समस्या है. ये किसी का धर्म नहीं देखती, बल्कि सभी को प्रभावित करती है. हमारा मक़सद है कोई भी भूखा न सोए.’
उन्होंने ये भी बताया कि खाना बनाते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है और इसे बांटते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल रखा जाता है.
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