आये दिन टेलीविज़न से ले कर रेडियो, अख़बार और सड़क पर लगने वाले होर्डिंग्स पर विज्ञापन दे कर सरकार की तरफ़ से मच्छरों से होनी वाली बिमारियों के प्रति जागरूक किया जाता है. इन सब के बावजूद लोग जानकारियों को नज़रअंदाज़ करके मच्छरों को पनपने की जगह दे देते हैं, जिसकी वजह से डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं.
गुजरात के जामनगर के रहने वाले 53 वर्षीय चेतन को एक ऐसे ही मच्छर ने पैर काटा, जो आज उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बन गया है. दरअसल इस मच्छर के काटने से उनके पैर का आकर चार गुना बढ़ कर 25 किलोग्राम के आस-पास हो गया है, जिसका इलाज कराने के लिए चेतन को गुजरात से मुंबई जाना पड़ रहा है.
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ख़बरों के मुताबिक, इस बीमारी की वजह से उनका पैर गांठ और परतों से ढक गया है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा एक परजीवी की वजह से होता है, जबकि इस बीमारी को फाइलेरिया कहा जाता है. दिनों-दिन इस बीमारी से जूझ रहे चेतन के पास इतने पैसे नहीं है कि वो खुद इसका इलाज करा सकें इसलिए वो लोगों से मदद भी मांग रहे हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक चेतन के इलाज के लिए सबसे उपयुक्त स्थान केरल है, जहां इस बीमारी का इलाज पूर्णतः संभव है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक मच्छर के इलाज का सबसे बेहतर तरीका ये है कि इन्हें पैदा ही न होने दे.