21 वर्षीय हरदीप सिंह उर्फ़ शेरा को पंजाब में दो साल से हो रहे हाई-प्रोफ़ाइल मर्डर के लिए पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है. इस गिरफ़्तारी के बाद जो कहानी सामने आई है, वो नाटकीय है.

हरदीप सिंह के माता-पिता, बलविंदर सिंह और सुरिंदर कौर को इस बात की भनक भी नहीं थी कि उनके बेटे का नाम पंजाब पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में है. उन्हें लगता था कि उनका बेटा इटली में बस चुका है और वहीं इलेक्ट्रीशियन का काम करता है. उन्हें अपने बेटे के नए नाम ‘शेरा’ के बारे में भी जानकारी नहीं थी.

पिता बलविंदर सिंह का कहना है कि वो अपने बेटे से पिछले दो साल से नहीं मिले. उनकी बात सिर्फ़ वीडियो कॉल के माध्यम से होती थी. पुलिस के मुताबिक हरदीप सिंह का नया नाम ‘शेरा’ 2012 में भटिंडा में पुलिस एंकाउंटर में मारे गए अपराधी, शेरा खुब्बण के नाम से प्रेरित है.

हरदीप सिंह 9 साल की उम्र में ही इटली अपने चाचा के पास चला गया था. तीन साल तक इटली में रहने के बाद हरदीप एक साल के लिए भारत लौट आया. घर की कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण हरदीप फिर से इटली चला गया.

पिता ने बताया कि ‘हरदीप अपने दम पर कुछ करना चाहता है और इसके लिए उसने अपने बाल भी कटवा लिए थे. पगड़ी की वजह से उसे नौकरी मिलने में दिक्कत हो रही थी. इस दौरान वो जब भी उससे पूछते कि इटली में क्या काम कर रहा है, तो वो टाल-मटोल कर देता’.

हरदीप पिछले दो साल से भारत में किराए के घर में रह रहा था, इस बात की जानकारी भी उन्हें पुलिस से मिली. माता-पिता को अभी भी अपने बेटे पर लगे आरोपों पर विश्वास नहीं हो रहा.

हरदीप को गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2014 में इटली में हरदीप पहली बार मिंटू से मिला, जहां उसे पंजाब में ये हत्याएं करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इन वारदातों को अंजाम देने से पहले हरदीप एक साल तक अपने घर में एयरगन से निशानेबाज़ी की प्रैक्टिस करता था.