पर्दे पर दंगल को सभी ने सराहा, कि कैसे एक पिता ने अपनी बेटियों को रेसलिंग के गुर सिखाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया. कुछ ऐसी ही कहानी है ज्योतिका पाटेकर और उनकी बेटी प्रतिभा पाटेकर की. मुंबई के रायगड ज़िले की ये मां-बेटी की जोड़ी असल ज़िन्दगी में वो सब कर चुकी हैं, जो आपने दंगल में देखा.

ज्योतिका अपने पति की सैंडविच की दुकान चलाने में मदद करती हैं और इसमें उनकी बेटी वैभवी भी साथ देती है. लेकिन जिस बात ने इन्हें आज सबकी नज़रों में हीरो बनाया है, वो है वैभवी का स्टेट लेवल वेटलिफ्टर बनना. उसको वेटलिफ्टर बनाने का ज़िम्मा उठाया उसकी मां ने, जो ख़ुद 1984 में एक वेटलिफ्टर थी.

वैभवी का इंटरेस्ट देख कर 3 महीने पहले उसकी मां ने उसे पास के ही एक Gym में रात को ट्रेन करना शुरू किया और 3 महीने के अन्दर उसने डिस्ट्रिक्ट लेवल कम्पटीशन जीत लिया और बाद में स्टेट लेवल कम्पटीशन में चौथे स्थान पर आई.

वैभवी के इस शौक को पहले उसके पिता ने सपोर्ट नहीं किया था, लेकिन उसकी उपलब्धि को देख कर अब वो बहुत खुश हैं.

वैभवी को वेटलिफ्टिंग की प्रेरणा अपनी मां, ज्योतिका की कहानियां सुन कर मिलती थी. ज्योतिका ख़ुद मुंबई के पहले वेटलिफ्टिंग बैच में थी. लेकिन 1990 में शादी होने के बाद उन्हें ये छोड़ना पड़ा.

पर वैभवी की गुरु के रूप में ज्योतिका अपना ये सपना अब पूरा कर रही हैं और उसी की उपलब्धियों में अपने लिए खुशियां ढूंढ रही है.