भारतीय मूल के लोग जहां भी होते हैं, देश का सिर ऊंचा करते ही नज़र आते हैं. भारतीय मूल के ब्रिटिश मूर्तिकार अनिश कपूर को इज़राइल का प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है. ये पुरस्कार उन्हें सीरिया के शरणार्थियों के हक़ में आवाज़ उठाने के लिए दिया गया है. इसके तहत उन्हें उनके यहूदी आदर्शों के संघर्ष के लिए दस लाख रुपये दिए गए हैं.

आपको बता दें कि अनिश ने सरकार की कुछ पॉलिसीज़ को सीरिया के शरणार्थियों के लिए घिनौना बताते हुए उनका विरोध करना शुरू कर दिया था. उनकी इसी हिम्मत को देखते हुए, उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला लिया गया. प्राइज़ कमिटी के अध्यक्ष यहूदी एजेंसी के चेयरमैन Michael Bloomberg ने अनिश को इस सदी का सबसे अनोखा और प्रभावशाली कलाकार बताया. अनिश के साथ इस पुरस्कार को पाने की सूची में न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर Itzhak Perlman और Michael Douglas थे.

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इराकी मां और भारतीय पिता के साथ पले-बढ़े अनिश ने पुरस्कार की सारी राशि युद्ध के कारण अपने घरों से भाग गये उत्पीड़ित लोगों को दान करने का फ़ैसला किया है.उनका मानना है कि इन पैसों से शरणार्थियों की समस्याएं कुछ कम होंगी. गौरतलब हो कि करीब 1.2 करोड़ सीरियाई लोग, जिनमें 20 करोड़ बच्चे शामिल हैं, इस राजनीतिक उथल-पुथल के शिकार हो गए हैं. इतना ही नहीं, जो बच गये हैं, उनके अधिकारों की किसी को कोई चिंता नहीं है.

अनिश ने दुनिया भर के यहूदियों से एक होकर आवाज़ उठाने की अपील भी की है. अनिश कुछ साल पहले ही चर्चा में आये थे, जब उन्होंने एक विवादित मूर्ति Château de Versailles बनाई थी. उनकी बनाई इस मूर्ति को फ्रांस में रखा गया था, जिसे बाद में किसी ब्रिटिश कलाकार ने ‘रानी की योनि’ भी बताया था.

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इस पुरस्कार को देने वालों में Genesis प्राइज़ फ़ाउंडेशन और इज़राइल के प्रधानमन्त्री का कार्यालय और यहूदी संस्था शामिल हैं. इस पुरस्कार के लिए उन लोगों को चुना जाता है, जो यहूदी मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील होते हैं.

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