मुंबई के नालासोपारा में इस वक़्त एक आदमी सभी बैंकों के चक्कर लगा रहा है. इस व्यापारी के पास 19 हज़ार रुपये के 10-10 के सिक्के हैं और कोई भी बैंक इन्हें जमा करने के लिए राज़ी नहीं है. नोटबैन के बाद से जिस तरह से सभी जगहों पर खुल्ले की किल्लते हो रही थी, उसके बाद सभी दुकानदारों ने चेंज देना बंद कर दिया था.

खालिक शेख का टेलरिंग मटेरियल का काम है और उसके ग्राहक उसे बटन, चैन, क्लिप्स जैसी चीजों के खुल्ले पैसे देते हैं. ऐसे करते-करते उसके पास 10 के सिक्कों के 19 हज़ार रुपये जमा हो गए. 14 किलो वज़न के सिक्कों का बैग लेकर खालिक कई बैंकों के दफ़्तर जा चुका है, लेकिन उसे खाली हाथ की जगह सिक्कों से भरे भाग के साथ वापस लौटना पड़ा.

उसका कहना है कि वो जो काम करता है, उसमें उसे रोज़ चेंज ही मिलता है, क्योंकि उसके यहां समान का मूल्य 2 से 25 रुपये तक होता है. नोटबंदी के बाद से उसके यहां सभी लोग चेंज लेकर आने लगे और इसी वजह से उसकी रोज़ की कमाई 900रुपये हो गयी.

और खुल्ले में मिलने वाले ये 10 के सिक्के इतने बड़े हो गए कि उन्हें जमा करवाने में खालिक की हालत टाइट हो गयी है. 

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