मुंबई में रहने वाले अमोल यादव ने कभी सोचा भी नहीं होगा के उन्हें अपनी मेहनत से बनाये हुए विमान को उड़ने का लाइसेंस हासिल करने में पूरे 6 साल लग जाएंगे. अमोल ने ये 6 सीटर जहाज़ कांदिवली में एक बिल्डिंग की छत पर बनाया और इसके लिए उन्हें न सिर्फ़ अपना घर बेचना पड़ा, बल्कि अपने जेब से 4 करोड़ रुपये भी लगाने पड़े.

इस कामयाबी के पीछे 6 साल का लगातार प्रयास और सरकारी एजेंसियों में फैले रेड टेप के ख़िलाफ़ लड़ाई शामिल थी. आख़िरकार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणविस के कार्यालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने पायलट अमोल यादव को रजिस्ट्रेशन सर्टिफ़िकेट दिया है.’

मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणविस के अनुरोध करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप किया और सुनिश्चित किया के अमोल यादव को एविएशन अथॉरिटीज़ के दफ़्तरों के और चक्कर न लगाने पड़ें. PM और CM को आभार प्रकट करते हुए, अमोल यादव ने इस विमान का रजिस्टर्ड नाम VT-NMD यानी ‘विक्टर टैंगो – नरेंद्र मोदी देवेंद्र’ रखा है. इस विमान को वर्ष 2016 में, मेक इन इंडिया स्कीम के तहत एक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था.

अमोल यादव का कहना है कि प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप करने से पहले, न सिर्फ़ DGCA कई सालों तक उनकी एप्लीकेशन लेकर बैठी रही, बल्कि कई ऐसे नियमों में भी बदलाव ले कर आयी जिनकी वजह से विमान को उड़ने की अनुमति मिल सकती थी. लेकिन अपने निरंतर अभियान से उन्हें सफ़लता प्राप्त हुई. वो अपने नए 19 सीटर विमान का काम भी शुरू कर चुके हैं.