5 फरवरी को स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत पर रिहा कर दिया था. फ़ारूकी पर शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगा है. इस केस में उनके साथ दो और लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी. अब वो भी जमानत पर रिहा हो चुके हैं. एक ओर जहां जेल से बाहर आने के बाद फ़ारूकी फिर से स्टैंडअप कॉमेडी करने लगे हैं. वहीं उनके सहयोगी नलिन यादव मज़दूरी कर रहे हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक, नलिन यादव इंदौर के रहने वाले हैं. 25 वर्षीय नलिन कई सालों से इंदौर में कॉमेडी करके अपना जीवन बिता रहे हैं, लेकिन फ़ारूकी केस में उन्हें 57 दिन जेल में बिताने पड़े. इसके बाद जब वो जेल से लौट कर आये, तो उनकी ज़िंदगी एकदम बदल गई. अब नलिन कॉमेडी की जगह मज़दूरी करके प्रति दिन 200 रुपये कमा रहे हैं. मज़दूरी करने के लिये वो पीथमपुर के एक औद्योगिक क्षेत्र जाते हैं.
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नलिन का कहना है कि जबसे वो जेल से बाहर आये हैं, लोग उनके साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं, जैसे उन्होंने कोई बड़ा अपराध कर दिया हो. वो कहते हैं ‘इंदौर के जिन कैफ़े में मैं पिछले 5-6 साल से कॉमेडी कर रहा था. अब उन्हीं कैफ़ै के मालिक मुझे वहां स्टैंडअप कॉमेडी करने की इजाज़त नहीं दे रहे.’ हफ़्ते में तीन तक नलिन ने सबको यकीन दिलाया कि उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया है. इसके चौथे दिन मज़दूरी करने चले गये.
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नलिन कहते हैं कि पहले पड़ोसी, दोस्त सब कहते थे कि मेरे अंदर लोगों को हंसाने की कला है. सभी के प्रोत्साहन की वजह से ही मैंने कॉमेडी शुरू की और अब वही लोग मुझे गुनाहगार की नज़रों से देख रहे हैं. नलिन का कहना है कि कुछ साल पहले उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और कुछ महीने पहले उनकी मां की मृत्यु हो गई. मां-पिता के जाने के बाद दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उन्हें और उनके भाई आकाश को बहुत प्यार दिया, लेकिन अब इनमें से कोई भी उनसे वास्ता नहीं रखना चाहता.
कितने दुख की बात है कि सालों तक जो बंदा लोगों को हंसाता आया. अब वो मज़दूरी करने को मजबूर है.