बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के एक कोर्ट ने हिंदू देवी-देवता का अपमान करने के आरोप में अरेस्ट किए गए स्टैंड-अप कमिडियन मुनव्वर की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी है. 

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन्स कोर्ट जज यतीन्द्र कुमार गुरू ने मुनव्वर फ़ारूक़ी और नलीन यादव की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी.  

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बीते 2 जनवरी को चीफ़ जुडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट ने कमिडिय मुनव्वर, नलीन यादव और 3 अन्य लोगों की बेल याचिका खारिज की थी. 


इस दौरान मुनव्वर औऱ नलीन के वक़ील अंशुमान श्रीवास्तव ने कहा कि, दोनों के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. दोनों को राजनैतिक दबाव में गिरफ़्तार किया गया है. मुनव्वर और नलिन कलाकार हैं और दोनों ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचे.

ज़मानत याचिका के विरोध में प्रोसिक्यूशन वक़ील विमल मिश्रा ने कहा कि, इन दोनों ने एक ऐसे इवेंट में हिस्सा लिया जिसकी परमिशन स्थानिय प्रशासन से नहीं ली गई थी. 

बता दें कि गुजरात के रहने वाले कमिडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी और 4 अन्य लोगों को बीते शनिवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. मुनव्वर पर हिंदू देवी-देवताओं, गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है.

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बीजेपी के स्थानीय विधायक, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर के बेटे एकलव्य सिंह गौर ने मुनव्वर फ़ारूक़ी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी. पुलिस ने मुनव्वर फ़ारूक़ी और 4 अन्य को आईपीसी की सेक्शन 295-ए, सेक्शन 269 के तहत गिरफ़्तार किया.