देश में जहां एक ओर गाय के नाम पर राजनितिक गलियारों में बवाल मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर गो-रक्षा और बीफ़ के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कई तरह के नियम क़ानून बनाये जा रहे हैं. इन सब के बीच एक मुस्लिम शख़्स ने एक सराहनीय काम करके लोगों के लिए मिसाल पेश की है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये खबर मुंबई से आ रही है, जहां बीते रविवार सरोस खान नाम के एक व्यक्ति ने एक गाय और एक बछड़े को गोद लिया और पूरे रस्मों-रिवाज़ के साथ अपने घर में उनका गृह प्रवेश किया और उस मंज़र का गवाह कई लोग बने.

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सरोस खान, जो कि राजस्थान कोटा से हैं और वर्तमान में मुंबई में सेटल हैं . और वो एक फिल्म मेकर हैं. सरोस ने समाज के उन तथाकथित लोगों को एक सन्देश देने की कोशिश की है, जो गाय और गो-रक्षा के नाम पर हिंसा फैला रहे हैं. सोचिये कितना सुन्दर नज़ारा होगा, वो जब एक मुस्लिम व्यक्ति सिर पर और पठानी सूट पहनकर हिन्दू रीति-रिवाज़ों के साथ एक गाय का गृह प्रवेश करा रहा होगा अपने घर में. सरोस खान का घर मुंबई के विज्ञान नगर में स्थित है.

खान कहते हैं, ‘इस्लाम हिंदुओं या अन्य धर्मों के ख़िलाफ़ नफ़रत का प्रचार नहीं करता है. सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और गायों के नाम पर हिंसा को ख़त्म करना चाहिए.’

सरोस खान कई फ़िल्मों को प्रोड्यूस करने के साथ-साथ कई हिंदी और राजस्थानी फ़िल्मों में अभिनय भी कर चुके हैं, जिनमें पेबैक, कोटा जंक्शन और भंवरी के नाम शामिल हैं.

खान ने इस गिर गाय और बछड़े को 50,000 रुपये में खरीदा था. खान कहते हैं कि आज देश में गाय सुरक्षा के नाम पर हिंसा चल रही है. इसलिए मैंने एक गाय को गोद लेकर उसकी सुरक्षा करने का निर्णय लिया. और समाज को ये सन्देश देने की कोशिश की है कि मुसलमान भी गायों से प्यार करते हैं. इसके साथ ही वो कहते हैं कि अगर मेरी ये पहल गायों के नाम पर फैली हिंसा को ख़त्म करने में कोई योगदान देती है, तो मैं संतुष्ट हो जाऊंगा.’

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उन्होंने उन लोगों से अपील भी की है, जो गाय के नाम पर हिंसा करते हैं, कि अगर आप सच में गाय को माता मानते हैं, तो सड़क पर बेसहारा घूमने वाली गायों का सहारा बने, उनको अपनाएं, उनकी देखभाल करें.

जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय (JRRSU) के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, शास्त्री कोसलेन्द्रदास ने सरोस खान के घर में गाय के गृह प्रवेश की सारी पूजा करवाई थी. कोसलेन्द्रदास कहते हैं कि मैंने इससे पहले भी कई हिन्दू घरों में गायों के लिए गृह प्रवेश के लिए पूजा पाठ कराया है, लेकिन ये पहली बार था,जब किसी मुसलमान ने ऐसा समारोह अपने घर में कराया.

इसके साथ ही शास्त्री जी ने कहा, वेदों में गायों को किसी विशेष समुदाय या किसी देश की “मां” नहीं माना गया है, बल्कि एक गाय पूरी दुनिया और उसके निवासियों की मां है.

वहीं JRRSU के पूर्व निदेशक, डॉक्टर राजेंद्र तिवारी ने कहा कि ‘सरोस द्वारा हिंदू रीति-रिवाज़ों और अनुष्ठानों के साथ गायों को अपनाने का ये सराहनीय काम हिंदुओं और मुसलमानों के संबंधों को मजबूत करने का एक सार्थक प्रयास है.’ इस समारोह में डॉक्टर राजेंद्र तिवारी की मौजूदगी के साथ-साथ सरोस के कई हिन्दू फ्रेंड्स भी उपस्थित थे.