नागालैंड सरकार ने एक अहम फ़ैसला लेते हुए कुत्तों का मांस बेचने पर रोक लगा दी है. कुछ दिन पहले एक ख़बर वायरल हुई थी, जिसमें कुत्तों को बोरियों में भर कर रखा गया था. ये फ़ोटो बहुत तेज़ी से वायरल हुई. बताया गया था कि इन कुत्तों के मांस को बेचने के लिए इन्हें पश्चिम बंगाल से पकड़ कर नागालैंड लाया गया है.
These dogs were being taken from West Bengal to Nagaland on the 26th of last month to be SOLD for MEAT. Please please write an EMAIL to csngl@nic.in, asking for this practise to be stopped. If they get 50,000+ emails tonight, they will act against this. Please do this tonight. 🙏 pic.twitter.com/wCrRApuMPx
— Ishita Yadav (@IshitaYadav) July 1, 2020
लोगों की नाराज़गी को देखते हुए नागालैंड सरकार ने मांस के लिए कुत्तों को ख़रीदने और बेचने के साथ-साथ, कुत्तों के मीट मार्केट भी बंद करने का फैसला लिया है. यह रोक कुत्ते के पके हुए और कच्चे, दोनों तरह के मांस पर लगी है. यह जानकारी नागालैंड के चीफ़ सेक्रेटरी Temjen Toy ने ट्वीट करके दी.
The State Government has decided to ban commercial import and trading of dogs and dog markets and also the sale of dog meat, both cooked and uncooked. Appreciate the wise decision taken by the State’s Cabinet @Manekagandhibjp @Neiphiu_Rio
— Temjen Toy (@temjentoy) July 3, 2020
चीफ़ सेक्रेटरी Temjen Toy को बड़ी संख्या में ‘डॉग मीट’ के ख़िलाफ़ email करने वाला ट्वीट तेज़ी से वायरल हुआ था. ‘मैरी कॉम’ फ़िल्म के निर्देशक ओमंग कुमार ने भी जानवरों के ख़िलाफ़ हो रही इस बर्बरता की रोकथाम वाले ऑनलाइन कैंपेन में हिस्सा लिया था. साथ ही एक कवि और पूर्व राज्यसभा सांसद, प्रीतिश नंदी ने भी ट्विटर पर अपने फ़ॉलोवर्स से नागालैंड में कुत्ते की मांस की बिक्री पर रोक लगाने के लिए मुहिम में शामिल होने की अपील की थी.
Thank you everyone who wrote to the Nagaland government in response to my request. The decision is wonderful. Many animal lives saved. Thank you Nagaland government. https://t.co/dMAADVRwK5
— Pritish Nandy (@PritishNandy) July 3, 2020
राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता एन. क्रोनू ने बताया, “‘राज्य मंत्रिमंडल ने ये फैसला खाने के लिए दूसरे राज्यों से कुत्तों को लाने के खतरों को देखते हुए और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Animal Cruelty Prevention Act), 1960 के तहत लिया.”
देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से के कुछ अन्य क्षेत्रों में कुत्ते का मांस खाया जाता है.