कोई भी सरकारी कामकाज करवाने के लिए पिता का नाम लिखने के हम आदी हैं. पहचान पत्र के लिए भी यही नियम लागू होता है. चाहे वो आधार कार्ड हो, पासबुक हो या फिर ड्राइविंग लाइसेंस. इस मुद्दे पर बहुत कम विचार किया जाता है कि पितृसत्तामक प्रक्रिया का असर एक सिंगल मदर पर क्या होता होगा. ऐसे कई केस सामने आये हैं जब सरकारी Formalities के नियमों की वजह से महिलाओं को परेशानी हुई हो.
लेकिन दिल्ली ने इस पुरानी नियमावली को बदलने की एक अनोखी पहल शुरू की है. एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए दिल्ली सरकार ने एक नया नियम बनाया है. अप्रैल-2018 से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एप्लाई करने के लिए आवेदक अपने पिता या पति के नाम के स्थान पर अपनी मां के नाम का भी इस्तेमाल कर सकता है.
Delhi Transport Department(DTD) ने ये प्रगतिशील कदम उठाया है. सिंगल पेरेंट वाले आवेदकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को सहज बना दिया गया है.
TOI से बातचीत में DTD के एक उच्च अधिकारी ने बताया,
Gender Equality की तरफ़ ये एक बहुत बड़ा कदम है और हम इस बदलाव की शुरुआत अप्रैल से ही कर देंगे. ये उनके लिए बहुत लाभदायक होगा जो किन्हीं कारणों से अपने पिता का नाम नहीं लिखवाना चाहते या फिर जिनके Single Parent हैं. हम अपने Software को इन बदलावों के लिए Modify कर रहे हैं. अगले हफ़्ते तक Software में बदलाव नज़र आने लगेंगे.
दिल्ली में 13 Reqional Transport Office हैं, जिनसे रोज़ाना लगभग 1600 Permanent ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू किये जाते हैं.
इससे पहले एक केस की सुनवाई करते हुए 2016 में दिल्ली हाई कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था कि सिंगल पेरेंट वाले बच्चों के पासपोर्ट पिता के नाम के बिना भी बनवाया जा सकता है.
एक सुनहरे कल की शुरुआत आज के एक छोटे से कदम से ही होती है. शुक्रिया!
Feature Image Source- The Hindu (Only For Representative Purpose)