कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. क्या पता छोटा काम करते-करते आपको अपने बड़े से सपने की मंज़िल मिल जाये. इस छोटी सी लाइन का बड़ा उदाहरण पेश किया है 28 साल के बालबांका तिवारी ने. कभी नमकीन फै़क्ट्री में काम करने वाले बालबांका तिवारी आज भारतीय सेना का हिस्सा हैं. भारतीय सेना का हिस्सा बन न सिर्फ़ उन्होंने अपने सपने को पूरा किया, बल्कि घर और गांववालों को गौरवान्वित भी किया. बालबांका के पिता एक किसान हैं और बीते शनिवार उन्होंने भारतीय मिलिट्री अकैडमी (IMA) से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की.
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कैसे पूरा किया अपना सपना?
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बालबांका बताते हैं कि 2012 में दूसरे ही प्रयास में वो भोपाल के EME सेंटर में परीक्षा पास करने में सफ़ल रहे थे. पांच साल तक सिपाही के तौर पर कार्यरत रहने के बावजूद उन्होंने आर्मी कैडेट कॉलेज की पूरी तैयारी की. आखिरकार 2017 में उन्हें सफ़लता मिल गई. वो देश की सेवा करने के लिये बेहद उत्साहित हैं.
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अपनी सफ़लता से ख़ुश बालबांका कहते हैं कि आर्मी में शामिल होने की प्रेरणा उन्हें अपने एक रिश्तेदार से मिली थी. रिश्तेदार को मिलने वाले सम्मान से वो इतना प्रभावित हुए कि देश की सेवा में ज़िंदगी बिताने का फ़ैसला कर लिया.