क़रीब तीन महीने पहले इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की सॉफ़्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी. हालांकि, वो इसमें सफ़ल नहीं हो पाए थे. क्योंकि लैंडिंग के वक़्त उससे संपर्क टूट गया था. अब अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने उसके टुकड़ों को तलाश लिया है. इसकी तस्वीर उन्होंने ट्विटर पर शेयर की है.

नासा के अनुसार चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम क्रैश साइट से लगभग 750 मीटर की दूरी पर मिला है. नासा ने कल रात को ही इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की है. इस तस्वीर में चांद की सतह पर पड़े विक्रम के टुकड़ों को हाइलाइट किया गया है.

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तस्वीर में नीले रंग में चांद की सतह पर विक्रम के लैंड होने के बाद इधर-उधर छिटकी मिट्टी दिखाई गई है. वहीं हरे रंग से विक्रम के गिरने की वजह से धंसी हुई ज़मीन को दिखाया गया है. 

ये तस्वीरें नासा के Lunar Reconnaissance Orbiter (LRO) द्वारा 1 किलोमीटर दूर से ली गई हैं. नासा ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने विक्रम लैंडर को खोज लिया है. इस खोज में उनकी मदद चेन्नई के एक इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने की है.

उन्होंने नासा को विक्रम के मिलने की कुछ तस्वीरें भेजी थीं. जिसकी मदद से नासा ने विक्रम को खोज निकाला. दरअसल, नासा ने 26 सितंबर को विक्रम के लैंडिंग की कुछ तस्वीरें साझा कर उसे तलाशने में लोगों की मदद मांगी थी. शनमुग सुब्रमण्यम ने उन्हीं फ़ोटो का निरीक्षण कर उसे खोज निकाला था. 

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इसके बाद नासा ने उस जगह की तस्वीरें अपने LRO से खींची थीं. नासा ने सुब्रमण्यम को एक इमेल कर इस खोज का क्रेडिट देते हुए धन्यवाद कहा है.

ग़ौरतलब है कि अगर इसरो विक्रम की लैंडिंग करवाने में कामयाब हो जाता तो वो ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाता. सेंट्रल स्पेस मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने संसद में पिछले महीने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन को फ़ेल कहना ग़लत होगा.

उन्होंने कहा था कि लॉन्च से लेकर चंद्रमा की कक्षा तक उसके सभी चरण सफ़ल रहे थे. कोई भी देश पहली बार में चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर को उतारने में सफ़ल नहीं हुआ था. 

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