टॉयलेट हर किसी को जाना पड़ता है, भले ही अंतरिक्ष यात्री क्यों न हो. और अब जब नासा एक बार फिर चांद पर इंसान उतारने की तैयारी में है तो उसे चाहिए चांद की सतह पर काम कर सकने वाला टॉयलेट सिस्टम. ग़ौरतलब है कि नासा अपने Artemis प्रोग्राम के तहत 2024 तक इंसान को चांद पर उतारने की योजना पर काम कर रहा है.
अंतरिक्ष यात्रा के शरुआती दिनों में अंतरिक्ष यात्रिओं टॉयलेट जाने में बहुत समस्या होती थी और माइक्रोग्रैविटी में उनके पास साधारणतः डायपर जैसा समाधान ही होता था. फ़िर वक़्त बदला और टॉयलेट भी. अब अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ऐसा उन्नत टॉयलेट है जो पंखे से चलने वाले सक्शन सिस्टम का इस्तेमाल करता है. सनद रहे कि ये दुनिया का सबसे महंगा टॉयलेट सिस्टम है.
अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी दुनिया के आविष्कारकों को एक ऐसे टॉयलेट सिस्टम को विकसित करने के लिए कह रही है जो न केवल माइक्रोग्रैविटी में काम करता हो, बल्कि चांद के गुरुत्वाकर्षण में भी काम करता हो. इसका इस्तेमाल भविष्य में चंद्रमा पर लैंड करने वाले अंतरिक्ष यानों में होगा.
जो डिज़ाइन जीतेगा उसे $20,000 मिलेंगे, दूसरे स्थान के लिए $10,000 मिलेंगे और तीसरे के लिए $5,000 मिलेंगे. 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी “जूनियर” श्रेणी में आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जहां पुरस्कार होगा प्रसिद्धि और नासा-थीम वाले कपड़े.
सबसे महत्वपूर्ण ये 1 लीटर मूत्र और 500 ग्राम मल को एक साथ इकट्ठा करने में सक्षम होना चाहिए (दस्त के रूप में भी).