नासा चार लोगों के एक दल को अटलांटिक सागर के तल पर भेजने वाला है. इसके पीछे मकसद है मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को परखना. ये दल 10 दिनों तक सागर के तल में रहेगा.
University Of South Florida के शोधकर्ताओं का कहना है कि सागर के तल में बढ़े हुए गुरुत्वाकर्षण बल क्षेत्र में काम करने पर मानव के ऊपर किस तरह का प्रभाव पड़ता है, ये उसकी जांच करने के लिए है.
इन 10 दिनों के दौरान दल के सदस्य तमाम तरह के काम करेंगे, जो वो स्पेस में करते हैं. जैसे संचार की गति, उपकरणों का इस्तेमाल या भविष्य में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की जांच.
इस मिशन, NASA Extreme Environment Misson Operations (NEEMO) 22 की शुरूआत 18 जून को होगी. University Of South Florida के एसोसिएट प्रोफ़ेसर Dominic D’Agostino भी चार लोगों के दल का हिस्सा होंगे. उनका चयन ये जांचने के लिए किया गया है कि ऐसी परिस्थितियों में मानव के शरीर पर क्या असर पड़ता है.
इस मिशन में उनके न्यूट्रिशन का भी खास ख्याल रखा जाएगा और उनके लिए Nutritional Ketosis पद्धति का उपयोग किया जाएगा. इसमें शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत चर्बी होता है, न कि ग्लूकोज़. दल के बाकी सदस्यों पर इसकी जांच नहीं होगी.
बाकी के सदस्य अलग-अलग प्रभावों की जांच करेंगे, जैसे नींद, दृष्टी, मस्तिष्क आदि पर प्रभाव.
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