शराब के शौक़ीन अक्सर घर पर स्टॉक जमा कर लेते हैं, फिर ज़रूरत के हिसाब से पीते रहते हैं. लेकिन अगर आप उत्तर प्रदेश में हैं, तो अब ये काम उतना आसान नहीं रहने वाला है. क्योंकि यूपी वालों को इसके लिए लाइसेंस लेना पड़ेगा.

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दरअसल, योगी सरकार ने नई आबकारी नीति जारी की है. इसके तहत फ़ुटकर सीमा से ज़्यादा शराब रखने पर आपको लाइसेंस लेना पड़ेगा. राज्य की नई आबकारी नीति के तहत, ‘व्यक्तिगत उपयोग के लिए लोगों को तय मात्रा से अधिक शराब ख़रीदने, ट्रांसपोर्ट करने या फिर ख़ुद के पास रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा.’

रिपोर्ट्स के अनुसार, नई नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर मे सिर्फ़ छह लीटर शराब ख़रीदने, परिवहन या निजी कब्ज़े में रखने की सीमा निर्धारित की गई है. इससे अधिक शराब रखने पर आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा. 

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सिर्फ़ इतना ही नहीं, इसके लिए आपको 12 हजार रुपये हर साल लाइसेंस के रूप में सरकार को देना होगा. साथ ही 51 हजार रुपये आबकारी विभाग को बतौर सिक्योरिटी देने होंगे. 

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आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के मुताबिक, ‘राज्य सरकार ने आबकारी विभाग के वर्ष 2020-21 के 28,300 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष 2021-22 में क़रीब 6 हजार करोड़ अधिक यानि 34,500 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है.’

तो अब अगर आप यूपी में 6 लीटर से ज़्यादा शराब रखने का सोच रहे हैं, फिर लाइसेंस लेने के लिए तैयार हो जाएं.