भारत-नेपाल की दशकों पुरानी दोस्ती अब पहले जैसी नहीं रही. पिछले कुछ महीनों में नेपाल का पहले सीमा विवाद को लेकर राजनीतिक नक़्शा पेश करना, उसके बाद भारतीय न्यूज़ चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाना कहीं न कहीं इस दोस्ती को तोड़ने का काम कर रही है.  

इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि, भगवान राम की जन्मभूमि ‘अयोध्‍या’ नेपाल में है. भारत ने एक नक़ली अयोध्या को दुनिया के सामने रखकर सांस्कृतिक अतिक्रमण किया है. भगवान राम नेपाली हैं, न कि भारतीय. भगवान राम नेपाल के राजकुमार थे.

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने अपने निवास पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि, भारत ने ‘नकली अयोध्या’ को दुनिया के सामने रखकर नेपाल की सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण किया है. भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या, भारत के उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि नेपाल के बाल्मिकी आश्रम के पास है. हमारे इतिहास में इसके तथ्य भी मौजूद हैं.  

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बता दें कि पिछले कुछ समय से नेपाल की ओली सरकार भारत के ख़िलाफ़ तीखे तेवर अख़्तियार किए हुए है. नेपाल की ओर से नया राजनीतिक नक़्शा जारी करने और भारत के कुछ हिस्‍सों को इसमें शामिल करने को लेकर नेपाल के पीएम ओली पहले से ही भारत की आलोचना के केंद्रबिंदु बने हुए हैं.  

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भारत का साफ़ तौर पर मानना है कि चीन की शह पर ‘नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी’ के केपी शर्मा ओली इस तरह के कदम उठा रहे हैं जो भविष्य में उनके लिए ‘आत्‍मघाती’ साबित हो सकते हैं. 

भारत विरोधी रुख को लेकर नेपाल में ओपी के ख़िलाफ़ विरोधी एकजुट होते जा रहे हैं और उन्‍हें पद से हटाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है.  

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जानकारी दे दें कि नेपाल ऐसा देश है जो आर्थिक सहित हर तरह की मदद के लिए बहुत कुछ भारत पर निर्भर है. भारत के साथ उसके पुराने सांस्‍कृति संबंध भी रहे हैं. नेपाल के नए नक्‍शे के मामले में ओली के रुख से भारत पहले ही अपनी नाराज़गी व्यक्त कर चुका है.