New Guidelines Against Service Charges: हम सब कभी न कभी खाने में कुछ नया ट्राई करने या खाने के सेम टेस्ट से बोर होकर किसी होटल या रेस्तरां का रुख ज़रूर कर लेते हैं. कुछ लोग कभी-कभी होटल का खाना खाते हैं, तो कुछ हफ़्ते में एक-दो बार चले ही जाते हैं. वहीं, एक अच्छा और किफ़ायती रेस्तरां ढूंढना भी सिर दर्दी है, क्योंकि अधिकतर होटल और रेस्तरां खाने के मनचाहे दाम के साथ-साथ मनचाहा ‘सर्विस टैक्स’ अलग से जोड़ देते हैं. इसके अलावा, खाने पर GST तो अलग से है ही. ऐसे में ग्राहक को खाने से पहले बिल की चिंता सताने लगती है. 


वहीं, अधिकतर होटलों में सर्विस टैक्स बिल के साथ ऐसा जोड़ा जाता है, जैसे आपसे मांगा नहीं, वसूला जा रहा है. ऐसे में इस बड़ी समस्या से सरकार ने इस पर नई गाइडलाइन बनाकर ग्राहकों को राहत की सांस दी है.  

आइये, जानते हैं क्या है सर्विस टैक्स पर सरकार की नई गाइडलाइन. साथ ही ये भी जानिए कि अगर होटल या रेस्तरां नई गाइडलाइन को फ़ॉलो न करे, तो आपको क्या करना चाहिए.    

आइये, सबसे पहले जानते हैं कि क्या है सर्विस टैक्स पर सरकार की नई गाइडलाइन (New Guidelines Against Service Charges in Hindi)   

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सर्विस टैक्स को लेकर सरकार की नई गाइडलाइन – New Guidelines Against Service Charges in Hindi  

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New Guidelines Against Service Charges: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भारतीय होटलों और रेस्तरां द्वारा सर्विस चार्ज वसूलने को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. गाइडलाइंस के तहत उपभोक्ता 1915 नंबर पर कॉल करके होटल और रेस्टोरेंट के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 


बता दें कि CCPA की स्थापना जुलाई 2020 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने, संरक्षित करने, लागू करने और उल्लंघन करने वालों की जांच, मुकदमा चलाने और उन्हें दंडित करने के लिए की गई थी. आइये, अब नीचे जाते हैं क्या है सर्विस टैक्स को लेकर सीसीपीए की 5 नई गाइडलाइन:  

1. कोई भी होटल या रेस्तरां बिल के साथ ऑटोमेटिक या डिफ़ॉल्ट रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ेंगे. 

 2. उपभोक्ताओं से किसी अन्य नाम से सेवा शुल्क़ वसूला नहीं जायेगा. 

 3. कोई भी होटल या रेस्तरां किसी ग्राहक को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए फ़ोर्स नहीं करेगा. ग्राहक को स्पष्ट रूप से बताएं कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक है और ये ग्राहक पर निर्भर करता है कि वो दें या न दें.

 4. सर्विस चार्ज के न देने पर कोई भी होटल या रेस्तरां सेवाओं के प्रवेश या प्रावधान पर कोई भी प्रतिबंध उपभोक्ताओं पर नहीं लगाएगा. 

5. फ़ूड बिल के साथ जोड़कर न ही सेवा शुल्क लिया जाएगा और न ही टोटल बिल के साथ सर्विस टैक्स जोड़कर जीएसटी वसूली जाएगी.    

अगर होटल या रेस्तरां बताई गई सर्विस टैक्स पर गाइडलाइन को फ़ॉलो न करें, तो एक ग्राहक को क्या करना चाहिए?   

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पहला तो ये कि ग्राहक होटल या रेस्तरां से बोल सकता है कि वो खाने के साथ जोड़े गए सर्विस टैक्स को हटा दें. 1915 नंबर पर कॉल करके या एनसीएच मोबाइल एप पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. 


इसके बाद भी अगर होटल या रेस्तरां न मानें, तो ग्राहक National Consumer Helpline पर होटल या रेस्तरां के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 

तीसरा ग्राहक उपभोक्ता आयोग में या Edaakhil पोर्टल http://www.edaakhil.nic.in के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं.

चौथा, ग्राहक CCPA द्वारा जांच और उसके बाद की कार्यवाही के लिए संबंधित ज़िले के ज़िला कलेक्टर से शिकायत कर सकते हैं. उपभोक्ता com-ccpa@nic.in पर ई-मेल भेजकर सीधे CCPA को अपनी शिकायत पहुंचा सकता है.

आइये,  अब आपको दिखाते हैं कुछ मामले जब सर्विस चार्ज को लेकर होटलों और रस्तरां द्वारा मनमानी की गई:

भारत की शताब्दी ट्रेन में 20 रुपए की चाय के लिए 50 रुपए सर्विस चार्ज लिया गया. 

ये भी किसी भारतीय रेस्तरां का बिल है, जिसमें एक बड़ी धनराशि सर्विस टैक्स के नाम पर वसूली गई है. 

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New Guidelines Against Service Charges: ग्राहकों से सर्विस टैक्स के नाम पर अच्छी खासी रकम वसूली जा रही है. इसका उदाहरण इस बिल से भी पता चलता है. 

यहां एक रेस्तरां ने एक ही वक़्त पर सर्विस चार्ज वसूलने के लिए फ़ूड का अलग बिल बनाया और ऐल्कोहॉल का अलग

यहां भी मनचाहा सर्विस टैक्स वसूला गया है. 

गाइडलाइन जारी होने के बाद भी कई होटल और रेस्तरां सर्विस चार्ज ले रहे हैं.