कोरोना संकट के बीच आज यानी 1 अक्टूबर से देश के रोज़मर्रा की कई चीजें बदलने जा रही हैं. आज से देशभर में रसोई गैस, उज्जवला योजना, बैंकिंग समेत कई नियम बदल रहे हैं. इनमें से एक ‘सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989’ भी है. आज से देशभर में मोटर वाहन नियम पूरी तरह से बदलने जा रहा है.
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आइए जानते हैं कि इस महीने से ‘मोटर व्हीकल एक्ट’ में क्या-क्या बदलने वाला है-
DL और RC रखने की टेंशन हो गयी है दूर
नये ‘मोटर व्हीकल एक्ट’ के तहत ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफ़िकेट, फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट, परमिट जैसे डॉक्युमेंट की हार्ड कॉपी रखने की ज़रूरत नहीं है. अब आप व्हीकल से जुड़े इन डॉक्युमेंट्स की वैलिड सॉफ़्ट कॉपी के साथ भी आसानी से गाड़ी चला सकते हैं. जांच के दौरान ये पूरी तरह से मान्य होंगे.
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ड्राइविंग के दौरान कर सकेंगे मोबाइल का इस्तेमाल
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ‘सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989’ में किये गए संशोधनों के मुताबिक़, अब ड्राइविंग के दौरान रूट देखने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे. मोबाइल या अन्य हैंड डिवाइस का इस्तेमाल केवल रूट देखने के लिए ही किया जा सकेगा. ड्राइविंग के दौरान अगर मोबाइल पर बात करते पाये गए, तो 1000 से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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पुलिस नहीं कर सकेगी डॉक्युमेंट्स की मांग
अगर वाहन से जुड़े कागज़ात की वैधता इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाती है तो पुलिस अधिकारी फ़िज़िकल तौर पर कागज़ात की मांग नहीं कर सकेंगे. आईटी सर्विस और इलेक्ट्रॉनिक मॉनीटरिंग के इस्तेमाल से देश में ट्रैफ़िक से जुड़े नियम बेहतर तरीक़े से लागू होंगे.
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पोर्टल पर मिलेगी सीज़ कागज़ात की जानकारी
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वेब पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेस के चलते ग़ैर-ज़रूरी परीक्षण पर रोक लगेगी और पुलिस द्वारा ड्राइवरों के उत्पीड़न पर रोक भी लगेगी. इससे पुलिस और ड्राइवरों का समय भी बचेगा और दुर्घटनाएं होने के चांस भी कम होंगे.
इस मामले में केंद्र सरकार का कहना है कि 1 अक्टूबर 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस और ई-चालान सहित वाहन से जुड़े तमाम दस्तावेज़ का रख-रखाव एक आईटी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. इस वेब पोर्टल पर लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के सस्पेंशन, कंपाउंडिंग और रिवोकेशन समेत ई-चालान जैसे अपराधों का रिकॉर्ड भी उपलब्ध रहेगा.