अब हवाई सफ़र के दौरान किसी भी तरह की बदतमीज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 30 जून से लागू होने वाले नए नियम के अनुसार अगर कोई भी यात्री सफ़र के दौरान और हवाई अड्डे पर किसी भी स्टाफ से गलत बर्ताव करने का दोषी पाया गया, तो उसे 3 महीने या उम्र भर के लिए हवाई यात्रा करने से बैन कर दिया जाएगा.

नए मसौदे में बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के लिए विस्तार से व्याख्या की गयी है. अगर एयरलाइन कंपनी की तरफ़ से ग़लती होती है और वो यात्री को बिना वजह परेशान करती है, तो यात्री भी कंपनी के खिलाफ़ अपील कर सकता है.

यात्री के बुरे बर्ताव को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. गाली-गलौज और अश्लील संकेत को पहले श्रेणी में रखा गया है. धक्का-मुक्की जैसी शारीरिक हिंसा को दूसरी श्रेणी माना जाएगा. विमान की संपत्ति को क्षती पहुंचाना और कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी तीसरी श्रेणी में आएगा.

विमानन सचिव, आर.एन चौबे ने कहा कि ‘पहले श्रेणी के दोषी को 3 महीने तक की सज़ा दी जा सकती है. दूसरे श्रेणी के बर्ताव के लिए 6 महीने तक की सज़ा की बात कही गई है और तीसरे श्रेणी के दोषी को उम्र भर के लिए हवाई सफ़र से दूर रखा जा सकता है’.

सभी हवाई कंपनी शिकायतों के निपटारे के लिए एक पैनल की गठन करेगी. पैनल की अध्यक्षता रिटायर्ड जिला न्यायाधीश या सत्र न्यायाधीश करेंगे. इसमें दूसरे एयरलाइन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी और यात्रियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग भी सदस्य के रूप में होंगे. सभी शिकायतों का निपटारा 10 दिन के भीतर किया जायेगा. इस बीच यात्री शिकायतकर्ता कंपनी के जहाज में सफ़र नहीं कर पाएगा.

इस क़ानून के आने के बाद भारत हवाई सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए No Fly List बनाने वाला पहला देश बन जाएगा.

Feature Image Source : ZeeNews