आपको वो BSF का जवान तेज बहादुर तो याद ही होगा, जिसने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट कर फौज़ में मिलने वाले घटिया खाने का ज़िक्र किया था. उसके इस वीडियो के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था. सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच जवान को सही-गलत ठहराने की जंग चल पड़ी थी. उस जवान ने एक और वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वो प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय को ये बता रहा है कि उसे सेना के बाकी लोगों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

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गृह मंत्रालय इस जवान को बर्खास्त करने के बारे में विचार कर रही थी. पर तुरंत ही मंत्रालय को इस बात का आभास हो गया कि अभी जनता तेज बहादुर के साथ है. जहां तेज को बर्खास्त करने पर जनता की उलटी प्रतिक्रिया आ सकती है, वहीं उसे ऐसे ही छोड़ देने पर बाकी जवानों पर गलत असर पड़ सकता है. तेज बहादुर इस बार जिस वीडियो में दिख रहे हैं, वो उन्होंने खुद नहीं डाला है, बल्कि स्वराज समाचार नाम के एक फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है. इस वीडियो में तेज बहादुर ये आरोप लगा रहे हैं कि उनका फ़ोन जब्त कर लिया गया है और उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.

मुझे पता है कि मेरे फ़ोन का दुरूपयोग किया जा रहा है. मैं प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि ख़राब खाने के बारे में बताने वाला वीडियो मैंने ही बनाया था, पर उसके लिए मुझे अब तक टार्चर किया जा रहा है. प्रधानमंत्री देश से भ्रष्टाचार ख़त्म करना चाहते हैं और मैं भी अपने विभाग में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा करना चाहता था.- तेज बहादुर

दिल्ली स्थित BSF हेडक्वार्टर से इसकी पुष्टि हो गई है कि वीडियो में दिखने वाला शख़्स तेज बहादुर ही है. ऐसा माना जा रहा है कि फरवरी के तीसरे हफ़्ते में जब उसकी पत्नी उससे मिलने आई थी, तभी ये वीडियो शूट किया गया था. उसका मोबाइल अधिकारियों ने सबूत के तौर पर रख लिया था. इस नए वीडियो में तेज बहादुर ने ये भी कहा है कि उसके फ़ोन के साथ छेड़छाड़ करके ये साबित करने की कोशिश की जा रही है कि उसका पाकिस्तान के साथ लिंक है.

BSF और होम अफ़ेयर्स दोनों का मानना है कि तेज बहादुर की बात किसी ने नहीं सुनी, इसलिए उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. Home Affairs के एक अधिकारी के अनुसार, हम रोज़-रोज़ BSF के कामों में दखल नहीं करना चाहते, पर ये गंभीर बात है. इसका फ़ैसला वहां के DG को खुद करना चाहिए. अगर मैं वहां DG होता, तो अब तक तेज बहादुर को बर्ख़ास्त कर चुका होता. आप हर बार नियमों को कुचलकर बच नहीं सकते.

इसके अलावा अभी गृह मंत्रालय जवानों द्वारा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का भी विचार कर रही है.