22 दिसंबर को अमृतसर रेलवे स्टेशन पर हावड़ा एक्सप्रेस के टॉयलेट में एक नवजात बच्चा मिला था. सफ़ाई कर्मचारी को मिले इस बच्चे को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां 30 घंटे मौत से जंग लड़ने के बाद उसने दम तोड़ दिया.

द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शनिवार की दोपहर सफ़ाई कर्मचारी अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस की साफ़-सफ़ाई कर रहे थे. उन्हीं में से एक कर्मचारी को ट्रेन के एक टायलेट में कुछ फंसा हुआ दिखाई दिया.

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उसने जब करीब से देखा तो पाया कि एक बच्चे को दुपट्टे में लपेट कर टॉयलेट में फ़्लश किया गया था. सफ़ाई कर्मचारी ने उसे आराम से निकाला और देखा अभी उसकी सांसे चल रही हैं. उसने तुरंत उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया. इसके बाद उनके ठेकेदार गुरदेव सिंह ने रेलवे पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया.

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अमृतसर के Government Medical College में 6 डॉक्टरों की टीम उसकी जान बचाने में लग गई, लेकिन फेफड़ों में पानी चले जाने के चलते उसकी मौत हो गई. डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चा करीब 4 घंटो तक टॉयलेट में फंसा रहा. उस बीच लोगों ने टॉयलेट इस्तेमाल किया होगा. उसी दौरान गंदगी और पानी उसके फेफड़ों में भर गई होगी.

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उन्होंने पाइप के ज़रिये बच्चे के फेफड़ों को साफ़ करने की कोशिश की, लेकिन उसने ट्रीटमेंट के बीच में ही दम तोड़ दिया. रेलवे पुलिस ने IPC की धारी 317 के तहत अज्ञात लोगों के ख़िलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फ़िलहाल, पुलिस रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी की तलाश कर रही है.

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ठेकेदार गुरदेव सिंह ने बताया कि, इससे पहले भी कई बार इस ट्रेन में नवजात बच्चों के शव बरामद हो चुके हैं. ट्रेन के टॉयलेट में किसी जीवित बच्चे के मिलने की ये पहली घटना थी.