मुम्बई के एक बिज़नेसमैन को प्लेन हाईजैक की अफ़वाह फैलाना महंगा नहीं बहुत महंगा पड़ा है. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने बिरजू सल्ला नाम के शख़्स को उम्रकैद की सज़ा के साथ ही उस पर 5 करोड़ रुपए जुर्माना भी लगाया है.

साथ ही कोर्ट ने जुर्माने की राशि से जेट एयरवेज़ के को-पायलट को 1-1 लाख, एयर होस्टेस को 50-50 हज़ार और सभी यात्रियों को 25-25 हज़ार रुपए का मुआवज़ा देने के आदेश भी दिए हैं.
दरअसल, ये घटना 30 अक्टूबर 2017 की है. जेट एयरवेज़ की मुंबई से दिल्ली जाने वाली फ़्लाइट के टॉयलेट में बिज़नेसमैन बिरजू सल्ला ने टिश्यू पेपर पर अंग्रेज़ी और उर्दू में धमकी भरा पत्र लिखकर छोड़ दिया था. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए फ़्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी.

अंग्रेज़ी और उर्दू में लिखे उस धमकी भरे पत्र में बिरजू ने लिखा था, ‘विमान को पीओके ले जाया जाए. जबकि पत्र के आख़िर में ‘अल्लाह महान है’ लिखा था. पत्र मिलने के बाद बिरजू को अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया गया था.
बिरजू ने क्यों दी थी प्लेन हाईजैक की धमकी?

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया कि बिरजू की गर्लफ़्रेंड जेट एयरवेज़ में नौकरी करती थी. दोनों के बीच हुए मनमुटाव के बाद लड़की ने उसके साथ रहने से इंकार कर दिया था. इसके बाद बिरजू ने गर्लफ़्रेंड को सबक सिखाने के लिए जेट एयरवेज़ के टॉयलेट में धमकी भरा पत्र लिखकर छोड़ दिया था ताकि कंपनी बंद हो जाए और गर्लफ़्रेंड की नौकरी चली जाए.
बिरजू की बेल की अर्ज़ी 10 बार ख़ारिज हुई

मामले की सुनवाई के दौरान डेढ़ साल तक क़ैद में रहने पर बिरजू ने 10 बार बेल के लिए अर्ज़ी दी लेकिन हर बार उसकी अर्ज़ी खारिज कर दी गई. इस हादसे के बाद से ही बिरजू को ‘National No Fly List’ में रखा गया था. इस लिस्ट में शामिल होने वाला बिरजू पहला शख़्स है.

एनआईए ने इसी साल जनवरी में बिरजू के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की थी. एनआईए ने कोर्ट के समक्ष बिरजू के लैपटॉप में पड़े उस लेटर को भी सबूत के तौर पर पेश किया था जिसे उसने पहले इंग्लिश में लिखा था, फिर गूगल ट्रांसलेटर की मदद से उसका उर्दू में अनुवाद किया था. अब कोर्ट ने ‘एंटी हाईजैकिंग एक्ट 2016’ के तहत बिरजू को दोषी करार दिया है.