‘जब जानवर कोई इंसान को मारे कहते हैं दुनिया में वहशी उसे सारे, इक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है चुप क्यों है संसार…”

ये राजेश खन्ना की फ़िल्म के गाने के बोल हैं, लेकिन इन दिनों ये हैदराबाद की हक़ीक़त है. यहां अब तक 150 से ज़्यादा कुत्तों को ज़हर देकर मारा जा चुका है. 

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मामले का पता तब चला जब एक कार्यकर्ता Vikaram Chandhak ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की गाड़ी का पीछा किया. उस गाड़ी में कुत्तों के शव थे. जिन्हें वो ऑटो नगर के कचरे के ढेर में फेंकने के लिए ले जा रहा था.  

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विक्रम, ग्रेटर हैदराबाद सोसाइटी में जानवरों के बचाव के लिए काम करते हैं. उन्होंने TOI को बताया,

उस गाड़ी में 150 कुत्तों के शव थे और एक मरी हुई गाय थी. जिसे एलबी नगर की जयपुर कॉलोनी में रोका गया. मरे हुए कुत्तों को ठीक से दफ़नाया भी नहीं जाता है. उनमें से कितने तो ज़िंदा थे, उन्हें भी मरे हुए कुत्तों के साथ रखा गया था.
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वॉलेंटियर पनेरु तेजा ने बताया, गाड़ी में क़रीब चार कुत्ते ज़िंदा थे. उनमें से एक भागने में कामयाब रहा और उसे इलाज के लिए ब्लू क्रॉस भेजा गया है.

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इस पर जब GHMC के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वेंकटेश्वर रेड्डी से ज़िंदा जानवरों को दफ़नाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया, उन्हें अभी इस घटना की एक विस्तृत रिपोर्ट मिलनी बाकी है.

जानवरों की हो रही इस दुर्गति पर आप अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं.