निर्भया कांड से हर कोई वाकिफ़ है. इसकी दो वजह हैं. पहली, इस निर्भया कांड में क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं गईं थीं. दूसरी, इस कांड को हुए लगभग आठ साल का समय हो गया है, लेकिन दोषी आज भी कानून के सारे दावपेंच इस्तेमाल कर दिन बिता रहे हैं. अब एक और नई चीज़ इस केस में देखने को मिली है. निर्भया कांड के दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा के न्यायालय में तलाक़ की अर्ज़ी दी है. उसका कहना है कि वो अक्षय की विधवा बनकर नहीं रहना चाहती इसलिये उसे तलाक़ चाहिए.   

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Ndtv की रिपोर्ट के मुताबिक़, अक्षय की पत्नी पुनीता ने कहा, ‘मेरा पति निर्दोष है. उसको फांसी दी जाए उसके पहले मैं विधिक रूप से उससे तलाक़ चाहती हूं.’  

पुनीता के वकील मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कुछ ख़ास मामलों में महिला को तलाक़ लेने का अधिकार है.  

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‘पीड़ित महिला को विधिक अधिकार है कि वो हिंदू विवाह अधिनियम 13(2)(II) के तहत कुछ खास मामलों में तलाक़ ले सकती है. इसमें दुष्कर्म का मामला भी शामिल है. अक्षय ठाकुर को रेप के मामले में फांसी दी जानी है. ऐसे में उसकी पत्नी के पास तलाक़ लेने का कानूनी अधिकार है.’  

दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट के एक वकील ने IANS को बताया कि, ‘हां, एक महिला तलाक़ की अर्जी दायर कर सकती है अगर उसका पति रेप के केस में दोषी है.’  

पुनीता की अर्ज़ी पर सुनवाई 19 मार्च को होनी है और चारों दोषियों को फांसी 20 मार्च को दी जानी है. गौरतलब है कि निर्भया कांड के 4 आरोपियों में से 1 आरोपी अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड के गांव लहंग करमा का रहने वाला है.  

बता दें, निर्भया केस के चारो दोषी- मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को फांसी दी जानी है. इस समय वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. फांसी को टालने के लिए दोषी हर पैतरा आज़मा रहे हैं. पहले भी दो बार उनकी फांसी टल चुकी है. यहां तक कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अदालत तक का दरवाज़ा खटखटाया है.  

हालांकि, कुछ कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले में अब देरी की गुंजाइश नहीं बची है. दोषी पहले ही सारे दांवपेंच आज़मा चुके हैं.