दुनिया में महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों के पीछे वजह समाज की दकियानूसी और घटिया सोच नहीं बल्क़ि Netflix और Amazon Prime जैसे ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स हैं. ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्क़ि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र से मालूम पड़ रहा है.   

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चीनी सामान पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बाद अब सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर सेंसरशिप लगाने का अनुरोध किया है. उनका दावा है कि इस तरह के प्लेटफ़ॉर्म हिंसा और महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों के लिए ज़िम्मेदार हैं.  

इसके साथ ही उन्होंने 1952 की सिनेमैटोग्राफ़ी अधिनियम में संशोधन का भी सुझाव दिया है, ताकि बिना सेंसर के इस तरह के कार्यक्रमों का प्रसारण न हो सके.   

उन्होंने कहा, ‘कई सेवा प्रदाता अपने ग्राहकों के लिए फ़िल्मों और शो की स्ट्रीमिंग कर रहे हैं. इन पर कोई सेंसरशिप नहीं है, ऐसे में इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर अत्यधिक हिंसा और सेक्सुअल एक्ट्स होते हैं.’  

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उनका कहना है कि इससे लोगों के दिमाग़ पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. इसकी वजह से महिलाओं और बच्चों के साथ लगातार अपराध बढ़ता ही जा रहा है.  

इस साल की शुरुआत में कई रिपोर्ट्स में सुझाव दिया था कि सरकार पारंपरिक मीडिया की तरह ही ओटीटी प्लेटफार्म्स को सेल्फ़ रेगुलेशन के लिए निर्देश दे. समाचार एजेंसी Reuters की एक रिपोर्ट के अनुसार, Netflix और Hotstar, दो प्रमुख ओटीटी सेवाओं ने पिछले साल जनवरी में एक कोड पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन Amazon Primeने ऐसा नहीं किया है.  

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राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के आंकड़ों के अनुसार, 23 मार्च से 16 अप्रैल के बीच महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की 587 शिकायतें प्राप्त हुईं. इनमें से 230 घरेलू हिंसा से संबंधित हैं. 27 फ़रवरी से 22 मार्च के बीच की अवधि में 123 की तुलना में ये काफ़ी अधिक हैं. हालांकि, NCW की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने इसके पीछे लॉकडाउन को वजह बताया था, जोकि 25 मार्च से शुरू हुआ था.