देश में तेज़ी से फैल रहे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए रेलवे ने कड़े क़दम उठाने शुरू कर दिए हैं.


रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मध्य रेल, दक्षिण रेलवे, पश्चिम रेलवे, उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने एसी कोच में कंबल न देने का निर्णय लिया है. भारतीय रेल से रोज़ाना 2.3 करोड़ यात्री सफ़र करते हैं और रेलवे अपनी तरफ़ से कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयारियां कर रहा है. रेलवे के कंबल महीने में 2 बार ही धोए जाते हैं, इसीलिए रेलवे ने ये निर्णय लिया है.  

रेलवे ने सभी ज़ोनल रेलवे यूनिट्स को लिनेन सेट (तौलिये, 2 चादर) की अच्छे से सफ़ाई करने के निर्देश दिए हैं. ये सेट धोकर, इस्त्री करने के बाद ही पैसेंजर को दिए जाते हैं.


रेलवे यात्रियों को अपने कंबल लाने की हिदायत दे रहा है. Indian Express से बातचीत में एक सरकारी अफ़सर ने कहा, ‘एसी कोच में पर्दे भी होते हैं प्राइवेसी के लिए. क्योंकि ये रोज़ नहीं धोए जाते तो बेहतर यही है कि इन्हें हटाया जाए.’  

Live Mint की रिपोर्ट के अनुसार, यात्रियों को कोविड-19 के बारे में जानकारी देने के लिए रेलवे ने नोटिस/स्टिकर लगाने का भी निर्णय लिया है. 


Indian Express की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय रेलवे का अपना आपदा नियंत्रण प्लान है, जिसके मुताबिक़, ‘Surveillance और रेस्पोंस सिस्टम सही हों तो किसी भी महामारी का वक़्त रहते पता लगाया जा सकता है और उसके फैलने से पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सकता है.’ 

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कोरोनावायरस जैसी अनपेक्षित आपदा के मद्देनज़र भारतीय रेलवे भी अन्य सरकारी ऐजेंसियों की तरह ही बीमारी को दूर रखने की कोशिशें कर रहा है.