हमारी केन्द्र सरकार इन सभी मौतों का डेटा न होने की बात कही है. Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते सोमवार को केन्द्र ने संसद में कहा कि लॉकडाउन के दौरान कितने मज़दूरों की मौतें हुईं इसका कोई डेटा या लेखा-जोखा नहीं है.

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सवाल उठाया गया था कि ‘क्या हज़ारों मज़दूरों ने अपनी जान गंवाई’. इसका जवाब देते हुए श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने कहा कि इसका डेटा मौजदू नहीं है.  

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मुआवज़े पर उठे सवाल पर मंत्रालय ने कहा, जब डेटा है ही नहीं तो इसका सवाल ही नहीं उठता.

इसके अलावा केन्द्र ने ये भी कहा कि कोविड-19 पैंडमिक की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में कितने लोगों की नौकरी गई इसका भी कोई डेटा नहीं है. World Bank की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 25 से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से लगभग 40 मिलियन मज़दूरों की नौकरी गई.  

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक़, अप्रैल में 121.5 मिलियन लोगों की नौकरी गई.