नॉर्थ कोरिया एक ऐसा देश है, जो किसी न किसी वजह से अकसर अख़बार या न्यूज़ चैनल की सुर्ख़ियों में छाया रहता है. कोरियन पीपल आर्मी की 85वीं वर्षगांठ पर कोरिया एक बार फिर सुर्ख़ियों में छाया, पर इस बार कोरिया ने दुनिया भर के शक्तिशाली देशों को अपनी ताक़त से चेता दिया.
इस अवसर पर उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग को 300 तोपों की सलामी दी गई. कोरियन मीडिया के अनुसार, ये अब तक की सबसे बड़ी सलामी थी. इसके साथ ही कोरियन आर्मी ने अपना युद्ध अभ्यास भी किया, जिसमें पनडुब्बी का इस्तेमाल करके टारपीडो मिसाइल को भी छोड़ा गया.
कोरिया के इस युद्ध अभ्यास से पड़ोसी देश दक्षिणी कोरिया में भी चिंता का माहौल बन गया है. इस घटना के बाद दक्षिणी कोरिया ने अपने यहां US मिसाइल डिफेन्स सिस्टम को शुरू कर दिया. इसके साथ ही दक्षिणी कोरिया ने THAAD (Terminal High-Altitude Area Defence) पर अमरीकी सिस्टम तैनात कर दिए, जो किसी भी न्यूक्लियर हमले की पहचान करने में सक्षम हैं.
साल की शुरुआत में दक्षिण कोरिया और अमेरिका मिल कर इस उपमहाद्वीप में युद्ध का अभ्यास कर चुके हैं, जिसमें Carl Vinson एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया था. इस युद्ध अभ्यास से सिर्फ़ उत्तरी कोरिया ही नहीं, बल्कि चीन भी गुस्से में था. चीन का मानना था कि इससे उत्तरी कोरिया को न्यूक्लियर हथियारों के लिए उकसाया जा रहा है.
Yonhap न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, राडार पर दो-तीन मिसाइल के अलावा तीन लॉन्चर को पकड़ा गया था.
ट्रम्प सरकार में सुरक्षा सलाहकार Sen Graham इन ख़बरों का खंडन करते हैं, पर इसी के साथ कहते हैं कि उत्तरी कोरिया को कमतर करके नहीं आंका जा सकता. इसी के साथ ख़बर है कि साउथ कोरिया के Busan तट पर अमेरिका की तरफ से एक पनडुब्बी को भेजा गया है, जिसमें बड़ी मात्रा में हथियार शामिल हैं.