दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पढ़ाई कर रही नॉर्थ-ईस्ट की छात्राओं को ‘स्टूडेंट्स हाउस फ़ॉर वुमन’ में पिछले कई दिनों से लॉकडाउन के चलते फंसे होने के बाद कॉलेज प्रशासन द्वारा 31 मई तक हॉस्टल खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया था.

इस दौरान हाॅस्टल प्रशासन की दलील थी कि सभी छात्राएं 15 मई तक हॉस्टल खाली कर दें क्योंकि मेस का कंट्रैक्ट ख़त्म हो रहा है. ऐसे में छात्रों के सामने चुनौती थी कि वे लॉकडाउन के बीच कहां जाएंगे? इस बीच छात्राओं को केंद्र सरकार से राहत दी है. सरकार ने बताया है कि छात्राओं को हॉस्टल खाली कराने के नोटिस वाले मामले को सुलझा लिया है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘दिल्ली विश्वविद्यालय में रहने वाले नॉर्थ-ईस्ट के छात्र कृपया ध्यान दें. पिछली रात को हुई घटना के बाद कुछ छात्रों को हॉस्टल खाली करने का नोटिस दिया गया था, जिसे अब सुलझा लिया गया है. आप जहां हैं वहां सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से रह सकते हैं. इस मामले में डीयू के वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर त्यागी से बात हो गई है.
Students from #Northeast in Delhi University hostel, please note.The issue that arose last night as a result of eviction notice to some of you to leave the hostel,has been sorted out. You can continue to stay where you are,comfortably and safely. Have spoken to VC #DU Prof Tyagi.
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) May 10, 2020
दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पढ़ाई कर रही उत्तर-पूर्वी राज्यों की छात्राओं ने सोमवार को दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की थी. शिकायत में छात्राओं ने आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रशासन द्वारा उनपर हॉस्टल खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है. मेस से मिलने वाले भोजन से जुड़ी समस्या भी आ रही है. इस दौरान छात्राओं ने उनके ख़िलाफ़ हो रहीं नस्लीय टिप्पणियों की शिकायत भी की.
इसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया. नोटिस में रजिस्ट्रार से शिकायत पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एवं छात्राओं को सभी सुविधाएं मुहैया करवाने की भी बात कही गयी थी.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का कहा है कि ‘ये बेहद ही संगीन मामला है और इसी के मद्देनजर आयोग ने डीयू को नोटिस जारी कर मामले में तुरंत संज्ञान लेने को कहा है. किसी भी छात्रा के साथ ऐसा दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.