जहां उत्तर भारत में सर्दी दस्तक दे चुकी है, वहीं राजधानी दिल्ली अभी भी स्मॉग से जूझ रही है. 8 नवम्बर से शुरू हुए धुंए, प्रदूषण से भरा ये स्मॉग अभी तक दुनियाभर का ध्यान दिल्ली की तरफ़ खींच चुका है. शुरुआत में इसकी वजह पास के राज्यों में जलने वाली फ़सल को बताया जा रहा था, लेकिन अब इसका एक और बड़ा कारण सामने आया है.

केंद्र सरकार द्वारा संचालित, एयर क्वालिटी मॉनिटर करने वाली एजेंसी, सफ़र के हिसाब से 8 नवंबर को दिल्ली के आसमान में जिस धुंए ने क़ब्ज़ा किया, वो फ़सल जलाने के बाद का नहीं था, बल्कि पश्चिमी एशिया में उठे धूल के गुबार के कारण ऐसा हुआ. 8 नवंबर को पश्चिम एशिया के इराक, कुवैत और सऊदी अरब में उठे धूल के गुबार ने दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों को अपनी चपेट में ले लिया. इसी दिन से हुई थी दिल्ली में स्मॉग की शुरुआत.

सफ़र के आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिमी एशिया से आये इस धूल के गुबार ने दिल्ली के प्रदूषण में 40 परसेंट का इज़ाफ़ा किया, वहीं फ़सल की वहां से होने वाले प्रदूषण का परसेंटेज सिर्फ़ 25% था.
यही वजह थी कि 11 नवंबर के करीब प्रदूषण स्तर में कमी देखने को मिली, लेकिन मौसम पूरी तरह से साफ़ इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि प्रदूषण के ये पार्टिकल्स हवा में जिस स्तर तक घुल चुके थे, वो किसी तरह से कम नहीं किया जा सकता.
यानि जिसे हम दिल्ली में प्रदूषण की वजह मान रहे थे, वो वजह थी ही नहीं.
Feature Image Source: New Indian Express