वो ज़माने लद गए जब शहर की दीवारों पर लिखा हुआ करता था, ‘यहां पेशाब करना मना है’. कुछ बदलाव लोगों की सोच से आया है, तो कुछ वैश्वीकरण से कि अब देश की कुछ दीवारों पर लिखा होता है ‘नेकी की दीवार’ या ‘Wall Of Kindness’.

ये अनोखा आईडिया ईरान से शुरु हआ था और अब भारत के कई शहरों ने इसे अपना लिया है. ‘नेकी की दीवार’ वो दीवार होती है, जहां लोग अपनी बेकार की वस्तुएं छोड़ जाते हैं, जिससे कोई ज़रूरतमंद उसे इस्तेमाल कर सके.

ये नेक कोशिश राजस्थान, भोपाल और दिल्ली एनसीआर के बाद अब हैदराबाद ने भी की है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने शहर की बेरुखी दीवारों को ग्रैफ़िटी आर्ट से रंग दिया और उस पर लिख दिया ‘Wall Of Kindness’. इसी के साथ इस पर कपड़े, किताबें, फ़ुटवेयर और बाकी पुरानी वस्तुएं दान करने की अपील भी की. यहां हैंगर भी लगे हैं, ताकि लोग कपड़े टांग सकें. नगर निगम की ये कोशिश रंग लाई और लोगों ने इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया!


नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि-
लोग यहां पुराने कपड़े, जूते-चप्पल, कंबल या कुछ भी छोड़ सकते हैं, जिसे कोई भी ले जा सकता है. किसी से कोई भी सवाल नहीं किया जाएगा. घर की कोई भी चीज़ जो इस्तेमाल की नहीं है, वो यहां रखी जा सकती है.
