हमारे देश में सार्वजनिक शौचालय लोगों के लिए सुविधा कम और परेशानी ज़्यादा है. कहने के लिए तो ये लगभग हर जगह मौजूद मिलेंगे, लेकिन इस्तेमाल करने लायक नहीं होते. वजह गंदगी और बेकार रखरखाव. एक बार पुरुष तो अपनी राष्ट्रीय आदत का फ़ायदा उठा कर कहीं भी हल्के हो सकते हैं, लेकिन बड़ी समस्या महिलाओं के लिए होती है.

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, रिलायंस फाउंडेशन ने अपनी Corporate Social Responsibility (CSR) के अन्तर्गत मुम्बई में 12 आॅटोमैटिक eToilets बनवाये हैं.

‘Smart She’ नाम के ये eToilet खासतौर पर महिलाओं के लिए ही बने हैं. इसमें टॉयलेट अलग-अलग बने हैं. वेस्टर्न सीट, वॉश बेसिन, आईना, बच्चे को दूध पिलाने और डायपर बदलने जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं.

इन eToilets को डिज़ाइन किया है Trivandrum की Eram Scientific नाम की कंपनी ने.

इन eToilets में सब आॅटोमैटिक है और पानी का कम और बेहतर इस्तेमाल होता है. जब आप इसमें दरवाज़ा खोलने के लिए इसमें सिक्का डालेंगी, तो आपको एक इंस्ट्रक्शन मिलेगा, पानी कम इस्तेमाल करने का. इसी के साथ एक सेन्सर अपने आप आॅन हो जाएगा, जो आपको आगे का निर्देश देगा.

पानी की बर्बादी रोकने के लिए ये टॉयलेट इस्तेमाल होने के 3 मिनट बाद 2.5 लीटर पानी फ़्लश करेगा. अगर टॉयलेट ज़्यादा देर इस्तेमाल हुआ है तो 4.5 लीटर पानी फ़्लश होगा. 5 से 10 महिलाएं जब इसे इस्तेमाल कर लेती हैं, तो फ़्लोर अपनेआप पानी से साफ़ हो जाता है.

सारे eToilets, GPRS नेटवर्क से जुड़े हैं. टॉयलेट्स की साफ़-सफ़ाई का ब्यौरा इंटरनेट और मोबाइल द्वारा अधिकारी ले सकते हैं.

देशभर के 21 राज्यों में ऐसे करीब 2000 eToilets लग चुके हैं और अब तक 43 अवॉर्ड भी जीत चुके हैं. 

Article Source- Topyaps