5 दिसंबर, 2016 को तमिलनाडु के लोगों की 74 वर्षीय अम्मा यानी की जे. जयललिता की ने चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी. बताया गया था कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. आप की जानकारी के लिए बता दें कि जयललिता को पिछले साल 22 सितंबर को बुखार और पानी की कमी के कारण चेन्नई स्थित अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था और तब से ही हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की एक टीम और ब्रिटिश डॉक्टर रिचर्ड मिलकर उनका इलाज कर रहे थे. हालांकि, अभी तक तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत का सही कारण किसी को भी नहीं पता चला है.

roorkeeweb

गौरतलब है कि अम्मा की मृत्यु के बाद से ही AIADMK, शशिकला और उनके ख़ास वफ़ादार, स्थानीय मीडिया और साथ ही अपोलो हॉस्पिटल के स्टाफ़ ने भी चुप्पी साध ली. कोई ये नहीं बता रहा था कि आखिर वास्तव में उनको हुआ क्या था. बावजूद इसके कि इस बात का पता लगाने के लिए कई तरह की जांच पड़ताल और पूछताछ भी की गयी, लेकिन अम्मा की मौत की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई.

अम्मा की मौत के बाद सबके द्वारा दिखाई गई इस चुप्पी के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए आखिरकार ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया. उसी दौरान अम्मा की मृत्यु से जुड़ी तरह-तरह की थ्योरीज़ और अफवाहें इंटरनेट पर आये दिन आने लगीं. उन्हीं में से एक न्यूज़ थी, जिसमें दावा किया गया था कि जयललिता को ज़हर दिया गया था. ये उस न्यूज़पेपर का स्क्रीनशॉट है, जिसमें ये ख़बर छपी थी.

लेकिन अभी तक जयललिता की मौत से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी और अटकलों को दृढ़ता से दबाया जा रहा है.

लेकिन अब एक बार फिर से जयललिता की मौत का मुद्दा गरमा रहा है. ऐसा इसलिए है कि बीते शनिवार चेन्नई पुलिस ने रामा सीता नाम की एक डॉक्टर (न्यूट्रनिस्ट) को गिरफ्तार किया है जिसका दावा है कि जयललिता की मौत पिछले साल 22 सितंबर को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने से पहले ही हो चुकी थी. आपको बता दें कि इस न्यूट्रनिस्ट को अपोलो हॉस्पिटल की ओर से दर्ज कराई गयी FIR के बाद गिरफ़्तार किया गया है.

सूत्रों के मुताबिक़, रामा सीता ने जयललिता की भतीजी दीपा जयाकुमार के समर्थकों की ओर से आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने जयललिता की मौत को लेकर चौंकाने वाला दावा किया. बाद में ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल ने पुलिस में शिकायत की. पुलिस का कहना है कि न्यूट्रनिस्ट रामा सीता ने कभी भी अपोलो हॉस्पिटल के साथ काम नहीं किया है.

रामा सीता ने अपने भाषण में दावा किया कि जयललिता को आईसीयू में शिफ्ट किए जाने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जयललिता को हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने के 20 दिन बाद ही एमजीआर मैमोरियल पर उन्हें दफनाने के किए इंतजाम पूरे कर लिए गए थे.

गौरतलब है कि रामा सीता ने यह भाषण 6 फरवरी उस वक़्त दिया, जब तमिलनाडु सरकार प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये जयललिता की मौत को लेकर फैल रही अफ़वाहों को खत्म करने के प्रयास कर रही थी. कहा तो यह भी जा रहा है कि जयललिता की भतीजी दीपा, जो नयी पार्टी बना रही हैं, का ध्यान खींचने के लिए ही रामा सीता ने इस तरह की अफ़वाह फैलाई है.