अंतर-जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा सरकार ने मंगलवार को एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है. ये पोर्टल अंतर-जातीय जोड़ों को शादी करने में मदद करेगा और आवेदन के 60 दिनों के भीतर एक प्रोत्साहन राशि देगा.
शादी के तीन साल बाद निकाल सकेंगे प्रोत्साहन राशि
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, सुमंगल पोर्टल अंतर-जातीय विवाहों को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है क्योंकि सीएम पटनायक का मानना है कि इस तरह के विवाह सामाजिक सद्भाव लाने में मदद कर सकते हैं. पोर्टल को ST और SC विकास, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा विकसित किया गया है. प्रोत्साहन राशि को भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया है.
प्रोत्साहन राशि किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में जोड़े के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी और वे शादी के तीन साल बाद ही राशि निकाल सकेंगे. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लाभार्थियों को उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद राशि दी जाएगी.
बता दें, 2017-18 के वित्तीय वर्ष में 543 जोड़ों को इसका फ़ायदा मिला था, इसके लिए राज्य सरकार ने प्रोत्साहन राशि के रूप में 2.65 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
पति-पत्नी में से एक अनुसूचित जाति से होना ज़रूरी
प्रोत्साहन राशि तब ही मिलेगी, जब विवाह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकृत और कानून के अनुसार वैध होगा. साथ ही पति-पत्नी में से एक अनुसूचित जाति से होना चाहिए जैसा कि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत परिभाषित किया गया है.
अनुदान केवल पहली बार शादी करने वाले लोगों को ही प्रदान किया जाएगा. हालांकि, जो विधवा या विधुर हैं वे भी पात्र होंगे. प्रोत्साहन राशि का इस्तेमाल भूमि खरीदने, व्यवसाय शुरू करने और ऐसे उद्देश्यों के लिए किया जाना है.
इसके साथ ही, ओडिशा सरकार ने राज्य के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए एकीकृत ओडिशा राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल भी शुरू किया है. ये पोर्टल योग्य छात्रों को बिना परेशानी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने में मदद करेगा. इसके तहत आठ राज्य विभागों से 21 छात्रवृत्तियों की पेशकश की जाएगी और ST, SC, OBC और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के 11 लाख से अधिक छात्रों को इस छात्रवृत्ति पोर्टल से लाभान्वित किया जाएगा.