Omicron Variant of Corona: कोरोना वायरस (Coronavirus) ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. ये लगातार अपना रूप बदलता जा रहा है. इस बीच कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट (B.1.1.529) सामने आया है. इसे ओमिक्रोन (Omicron) नाम दिया गया है. इस वेरिएंट की पहचान दक्षिण अफ़्रीका (South Africa) में की गई है. इस वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला किया है. इसके अलावा इज़रायल, बेल्जियम, बोत्सवाना और हांगकांग में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है.
क्या ये वेरिएंट बेहद ख़तरनाक है?
ओमिक्रोन वेरिएंट बेहद तेज़ी से 30 बार म्यूटेट होता है, जो ज्यादा टेंशन की वजह है. अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ये ख़तरनाक तरीके से मरीजों को अपनी जद में लेता है. ये काफ़ी तेज़ी से और बड़ी संख्या में म्यूटेट होने वाला वेरिएंट है. इस वेरिएंट के कई म्यूटेशन चिंता पैदा करने वाले हैं. इसके चलते संक्रमण का ख़तरा भी बढ़ गया है.
क्या हैं ‘ओमाइक्रोन वेरिएंट’ के लक्षण?
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (NICD) ने बताया कि, कोरोना महामारी का ‘ओमिक्रोन वेरिएंट’ अगर किसी के शरीर में आता है तो इसके कुछ विशेष लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं. कोरोना के ‘डेल्टा वेरिएंट’ की तरह ही ‘ओमिक्रोन वेरिएंट’ से संक्रमित हुए कुछ लोग भी एसिम्टोमेटिक थे. इसके लक्षण सामान्य वायरल फ़ीवर जैसे ही हैं. ऐसे में एनआईसीडी ने माना कि ‘ओमिक्रोन’ से संक्रमित व्यक्ति में कोई अलग तरह के लक्षण अब तक दिखाई नहीं दिये हैं.
इस संबंध में WHO ने दुनियाभर के लोगों को कुछ नई जानकारियां दी हैं, जो सभी के लिए बेहद कारगर साबित हो सकते हैं-
1- प्रारंभिक साक्ष्य से पता चलता है कि जो लोग पहले ही कोरोना वायरस (Corona Virus) के किसी भी वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं, उनमें Omicron Variant से संक्रमण का ख़तरा ज़्यादा हो सकता है. पूर्व में कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के आसानी से Omicron से संक्रमित होने का ख़तरा है. ऐसे लोगों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है.
2- अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि कोरोना का Omicron Variant पहले के वेरिएंट (Alfa, Beta, Gamma And Delta) से ज़्यादा संक्रामक है या नहीं. यानी अभी स्पष्ट तौर पर ये नहीं कहा जा सकता है कि ये लोगों को तेज़ी से संक्रमित करेगा, लेकिन इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता. इस दौरान अच्छी बात ये है कि RTPCR टेस्ट के ज़रिए इस स्ट्रेन की पहचान हो सकती है.
3- अभी तक ये स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि लोगों ने जो वैक्सीन लगाई है वो इस स्ट्रेन के ख़िलाफ़ सुरक्षा देगी भी या नहीं. ये भी स्पष्ट नहीं है कि Omicron Variant से संक्रमित व्यक्ति की स्थिति कितनी गंभीर हो सकती है. इसके अलावा अभी ऐसी कोई जानकारी भी नहीं है, जो ये स्पष्ट कर सके कि इसके लक्षण कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट से अलग हैं या उससे मिलते-जुलते हैं.
4- पिछले कुछ दिनों में दक्षिण अफ़्रीका के अस्पतालों में Omicron Variant के मरीजों की संख्या बढ़ी है. लेकिन इस दौरान युवाओं में मिल रहे संक्रमण के मामलों में बहुत हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं. इसलिए ये भी संभव है कि दक्षिण अफ़्रीका में मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे Omicron Variant न हो. हालांकि, इस वेरिएंट की गंभीरता को समझने के लिए अभी कुछ और हफ्तों का समय लग सकता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, कोरोना का Omicron Variant ख़तरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इस वेरिएंट के मामलों की संख्या दक्षिणी अफ़्रीका के सभी प्रांतों में बढ़ रही है. ये काफ़ी तेज़ी से म्यूटेट हो रहा है और इनमें से कुछ म्यूटेशन चिंता के विषय हैं. इसलिए लोगों को सतर्क रहने की बेहद ज़रूरत है.
बता दें कि ‘कोरोना वायरस’ का समय के साथ बदलते जाना या म्यूटेट होना कोई नई बात नहीं है. वायरस का कोई वेरिएंट तब चिंता वाला वेरिएंट (वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न/वीओसी) बन जाता है, जब वो तेज़ी से फैलने या नुक़सान पहुंचाने की क्षमता के साथ वैक्सीन की प्रभावशीलता जैसी बातों को प्रभावित कर सकता है.