फ़ेस्टिवल्स सीजन है ऐसे में हर ऑनलाइन कंपनी ग्राहकों को कई आकर्षक ऑफ़र दे रही हैं, ग्राहक भी इसका ख़ूब फ़ायदा उठा रहे हैं. ऑनलाइन कंपनियों के पास हर दिन लाखों आर्डर आ रहे हैं, ऐसे में धोखाधड़ी करने वाले भी सक्रीय हो गए हैं. धोखाधड़ी करने वाले कोई और नहीं, बल्कि पार्सल कंपनियों में काम करने वाले डिलीवरी बॉय ही बताये जा रहे हैं.

ज़रा सोचिये कि आपने ऑनलाइन कोई फ़ोन आर्डर किया हो और बदले में आपको साबुन की टिकिया मिले तो इसे क्या कहोगे? क्यों है न साफ़तौर धोखाधड़ी?

दरअसल, ऐसा ही एक मामला ग्रेटर नोएडा में भी देखने को मिला. एक शख़्स ने ऑनलाइन कंपनी Amazon से फ़ोन आर्डर किया था, जब पार्सल खोला तो देखा कि उसके अंदर फ़ोन नहीं, बल्कि साबुन की टिकिया है. इसके बाद इस शख़्स ने तुरंत ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाने जाकर Amazon India के हेड के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का केस दर्ज़ करा दिया.

बिसरख के सर्किल ऑफ़िसर निशांक शर्मा के मुताबिक़, शिकायतकर्ता ने Amazon India के हेड अमित अग्रवाल, लॉजिस्टिक कंपनी दर्शिता प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रदीप कुमार और रवीश अग्रवाल और डिलीवरी बॉय अनिल के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ कराई है. इन सभी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता धारा 420, 406 और 120B के तहत मामला दर्ज़ किया गया है.

इस मामले में कंपनी की ओर से जवाब आया है कि उन्होंने ग्राहक के मनी रिफ़ंड प्रोसेस पर काम करना शुरू कर दिया है. हम भविष्य में इस तरह की घटनाओं को लेकर गंभीर हैं और इस मामले में पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे.
सिर्फ़ यही नहीं
Amazon के साथ एक और मामला सामने आया है जहां ग्राहक को JBL स्पीकर के बदले लड्डू और दिवाली के दीये मिले. इस महिला ग्राहक को पार्सल से 7 हज़ार की क़ीमत वाले JBL स्पीकर के बदले 20 रुपये की क़ीमत वाले दो दिए और दो लड्डू मिले.
My new @JBLaudio Flip4 from @amazonIN samajh nahi aa raha hai ki pehle laddoo khaaun ya diya me aag laga du 😡😠 pic.twitter.com/sBQ2qs97zK
— A Cynical Mind (@girlmeetstartup) November 1, 2018
इस महिला ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा @amazonIN से मेरे नए @JBLaudio Flip4, समझ नहीं आ रहा है कि पहले लड्डू खाऊं या दीये में आग लगा दूं.
पिछले कुछ समय से ऑनलाइन फ़्रॉड के कई मामले सामने आ रहे हैं. ग्राहकों को क़ीमती सामान के बदले साबुन की टिकिया या फ़िर ईंट-पत्थर मिल रहे हैं. पुलिस के पास पहुंचे अधिकतर मामलों के बाद ऑनलाइन कंपनियां रिफ़ंड का वादा तो करती हैं, लेकिन इसके लिए भी ग्राहकों को महीनों इंतज़ार करना पड़ता है. जबकि कई ग्राहकों को तो रिफ़ंड के पैसे मिल भी नहीं पाते हैं. ऑनलाइन कंपनियों को इस ओर ध्यान देने की ज़रूरत है ताकि भविष्य में ग्राहकों को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.