राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा को बड़े-बड़े उद्योग धंधों, कारखानों और दफ़्तरों के अलावा वहां होने वाले अपराधों के लिए भी काफ़ी जाना जाता है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित होने के कारण यहां चेन स्नेचिंग से लेकर हत्या, लूटपाट तक अनेक आपराधिक घटनाएं होती रहती है. लगातार होने वाली इन वारदातों में एक अलग ही तरह की दिलचस्प वारदात और जुड़ गई है. पिछले कुछ समय से नोएडा में पिज़्ज़ा छीन करके लूट ले जाने की घटनाएं काफ़ी देखने को मिल रही हैं.

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हर हफ़्ते नोएडा में पिज़्ज़ा डिलीवरी करने वालों से लगभग दर्ज़न भर पिज़्ज़ा चोर छीन कर भाग जाते हैं. इस तरह देखा जाये, तो नॉएडा में हर महीने पिज़्ज़ा चोरी की 8 से 10 वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. कितने पिज़्ज़ा हर महीने लूट लिये जाते हैं, इसका कोई निश्चित अनुमान नहीं लगाया जा सकता. वैसे एक पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय अपने साथ हमेशा 4 से 5 पिज़्ज़ा ज़रुर लेकर चलता है. पिज़्ज़ा लूटने वाले भी जब किसी को लूटते हैं, तो उसके सारे पिज़्ज़ा लेकर भाग जाते हैं.

ज़्यादातर मामले दर्ज़ भी नहीं किये जाते

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पिज़्ज़ा चोरी की रिपोर्ट लिखवाने जाने पर पुलिस कहती है कि इस तरह की लूट या चोरी का कोई मामला नहीं लिखा जा सकता. इसकी सज़ा का भी अभी कोई प्रावधान नहीं है और वैसे भी पिज़्ज़ा ही तो है. पिज़्ज़ा डिलीवर करने वाले रेस्टोरेंट्स के मैनेजर्स भी किसी तरह के लफड़े से बचने के लिए इसकी लिखित शिकायत दर्ज़ करवाने के अलावा किसी तरह की कार्यवाही पर आगे नहीं बढ़ते हैं.

अधिकतर मामले कॉलेज़ेज के आस-पास हुए हैं

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पिज़्ज़ा छीन कर भाग जाने के अधिकतर मामले उन एरियाज़ में देखे गये हैं, जहां बहुत ज़्यादा तादाद में कॉलेज कैंपस स्थित हैं. लोगों ने यह भी बताया कि जिस तरह के लोग पिज़्ज़ा चोरी करने आते हैं, वो कोई प्रोफेशनल अपराधी नहीं लगते हैं. उनकी भाषा और पोशाकें भी पढ़े-लिखे लोगों जैसी होती है. सेक्टर 58 और सेक्टर 62 में इस तरह के मामले ज़्यादातर देखे गये हैं.

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पिज़्ज़ा चोरी की इन वारदातों में पुलिस और प्रशासन की कोई दिलचस्पी ना हो, लेकिन एक साधारण से पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय के लिए यह एक बहुत बड़ी समस्या है. कभी-कभी तो मैनेजर उन्हें ही शक से देखने लगते हैं कि कहीं उन्होंने ही तो पिज़्ज़ा का घपला नहीं कर दिया है. इस वजह से अब जब भी ऐसी कोई नई वारदात होती है, तो पुलिस को सूचित ज़रुर किया जाता है.

किसी ने सच ही कहा है, आने वाले समय में युद्ध भूख और प्यास को मिटाने के लिए ही लड़े जायेंगे.