बाप-बेटे का रिश्ता दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत और अनमोल रिश्ता होता है. किसी भी मां-बाप के लिए इससे बड़ी दुख की बात क्या होगी कि उसके जीते जी उसके बेटे की मौत हो जाए. ये वो अहसास है, जो शब्दों में बंया नहीं किया जा सकता.ये सिर्फ़ वही बता सकता है, जिसके साथ ये हादसा हुआ हो.

सोचिए उस पिता के दिल के पर क्या गुज़री होगी जब उसने अपने बेटे की हत्या करने वाले कातिलों की सज़ा को माफ़ कर दिया हो.

दुबई में एक पाकिस्तानी नागरिक के खून के आरोप में फंसे 10 भारतीय युवक अब मौत की सज़ा से बच गए हैं. 2015 में हुए इस कत्ल में पाकिस्तानी नागरिक के परिवार ने सभी 10 युवकों को माफ़ कर समझौते के रूप में मिलने वाली 2 लाख दिरहम की रकम को लेने का फ़ैसला किया है. माफ़ी का फ़ैसला कोर्ट ने दुबई के ‘ब्लड मनी’ क़ानून के तहत किया है.

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2015 में इन भारतीय युवाओं ने एक झड़प के दौरान एक पाकिस्तानी युवक की हत्या कर दी थी, जिस पर उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी. हालांकि इन भारतीय युवाओं को माफ़ी दी जाए या नहीं इसका अंतिम फ़ैसला अदालत करेगी. 

बीबीसी उर्दु की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में मृतक के पिता मोहम्मद रियाज का कहना था कि ‘मैंने अपने बेटे को खो दिया, लेकिन अगर मैं उन लोगों को माफ़ नहीं करता तो क्या होता? युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि वे ऐसे झगड़ों से दूर रहें और अपने काम से काम रखते हुए अपने देश और माता-पिता का नाम रोशन करें.’

एसपी सिंह ओबराय, संयुक्त अरब अमीरात में एक एनजीओ के प्रमुख भी हैं, जो इस तरह के मामलों में गिरफ़्तार लोगों की मदद करती है. गल्फ़न्यूज़.कॉम के अनुसार, उन्हीं की कोशिशों से मोहम्मद रियाज ने सहमति पत्र के कागजात अदालत में जमा कराए हैं.

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Source : timesofindia