लांस नायक लाल चंद रबारी, एक पाकिस्तानी हिन्दू सैनिक जिसकी करीब एक महीने पहले ड्यूटी पर मौत हो गई. लाल चंद पाकिस्तानी आर्मी में था और मौत के वक़्त पाकिस्तान-कब्ज़े वाले कश्मीर के पास मंगला फ़्रंट पर तैनात था. लाल चंद पाकिस्तान के 2% हिन्दू की उस छोटी इकाई का हिस्सा था, जो पाकिस्तानी आर्मी में हैं. उसकी मौत कैसे हुई इसका कोई ज़िक्र कहीं नहीं है.
Lal Chand Rabari We salute you. You are our hero. Hindu soldier died in defence of Pakistan https://t.co/g7G1xdklh6 pic.twitter.com/ZQRSDihyqa pic.twitter.com/QrggjQ9Vzg
— Ch.Nasir Mahmood (@nasirmahmood27) May 29, 2017
Lal Chand Rabari sacrifices his life defending nation against extremists.Soldiers & their families deserve our support, love & respect. #RIP pic.twitter.com/hQsKsb79kB
— Munaza Hassan (@MunazaHassan) May 20, 2017
लाल चंद, कुल 11 भाई-बहन थे. ये सिंध के बादिन जिले के Ismail Khan Nautkani गांव का रहने वाला था. लाल चंद के पिता भेड़ चराते हैं और मां खेती करती हैं. एक राजपूत परिवार का होने के कारण उसमें देश के लिए लड़ने का जुनून बचपन से था. उसके भाई भीमन रबारी ने बताया कि वो इससे पहले वज़ीरिस्तान आदिवासी क्षेत्र में तैनात था, वहां उसकी इच्छा करती थी कि वो उन सभी आतंकवादियों को मार डाले जिन्होंने लोगों को मारा है. जब वो उस पोस्टिंग से आया था तब उसने कहा था-
मैं उन सबसे बदला लेना चाहता हूं जिन्होंने मेरे देश के बच्चों और बुज़ुर्गों का खून बहाया है.
साल 2009 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद वो Badin चला गया और घर वालों को बिना बताए सेना में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया. उसने आगे की पढ़ाई सेना में रहते हुए की. वो अपने छोटे भाईयों को भी सेना में जाने की सलाह देता था. वो कहता था-
जिस देश में हम रह रहे हैं वो हमारे घर की तरह है और जो भी इस पर हमला करेगा उसे मेरी आख़िरी सांस तक अंजाम सहना पड़ेगा.
भाई भीमन रबारी ने बताया कि-
हमारी मां अपने सारे बच्चों और पोतों को सेना में भेजने के लिए तैयार हैं. उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है अगर उनका बेटा देश के लिए मरता है.