पाकिस्तान में ईश-निंदा एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिसे गहन अपराध माना जाता है. इसकी आड़ में अब तक न जाने कितनी ही हत्याएं हो चुकी हैं.
हाल ही में एक इसी तरह का मामला देखने को मिला है. पाकिस्तानी अख़बार डॉन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, 13 साल पहले 2004 में 45 वर्षीय फज़ल अब्बास नाम के एक शख़्स ने ईश-निंदा की थी, जिससे उसकी तीन बहनें बहुत आहात हुई थीं. उस समय वो इतनी छोटी थीं कि अपने भाई की इस बात का जवाब नहीं दे सकती थीं. इस मामले में अब्बास पर केस भी दर्ज हुआ था, पर इससे पहले ही वो बेल्जियम जा कर रहने लगे थे. 13 साल बाद जब वो पाकिस्तान लौट कर आये.

आख़िरकार 13 साल इंतज़ार करने के बाद तीनों बहनें अपने भाई से मिलने उनके घर गईं, जहां उन्होंने अब्बास को गोली मार दी और ईश-निंदा का बदला लिया.
इस हफ़्ते में पाकिस्तान के अंदर इस तरह की दूसरी हत्या है. इससे पहले भी 23 साल के एक छात्र मशाल खान की ईश-निंदा के नाम पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.