बीते गुरुवार पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा के अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले मशाल खान को यूनिवर्सिटी के छात्रों की भीड़ ने बेरहमी से पीटने के बाद उसकी गोली मार कर हत्या कर दी थी. मशाल पर आरोप लगाया गया था कि उसने फेसबुक पर ‘ईश्वर की निंदा’ की थी, इस वजह से छात्रों ने उसकी हत्या कर दी और साथ ही उसका वीडियो भी बनाया गया. एक छात्र की इस तरह से हत्या किये जाने से नाराज मलाला यूसुफजई ने दुनिया में पाकिस्तान की खराब इमेज के लिए स्थानीय लोगों को ही ज़िम्मेदार ठहराया है.

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और ब्रिटेन में रह रही 19 साल की बालिका शिक्षा की पैरोकार मलाला ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘दुनिया भर में पाकिस्तान और इस्लाम की ख़राब इमेज के लिए कोई और नहीं, बल्कि ख़ुद पाकिस्तान ही ज़िम्मेदार है.’
उन्होंने कहा, ‘यह घटना पूरी तरह से आतंक और हिंसा की है. मैंने मशाल के पिता से बात की, बेटे की हत्या के बावजूद उन्होंने शांति और धैर्य का संदेश दिया. मैं उनके धैर्य और शांति के संदेश की सराहना और सलाम करती हूं. मलाला ने कहा, ‘हमें शिकायत है कि इस्लामोफोबिया है, दूसरे देश हमारे देश को बदनाम कर रहे हैं. कोई भी पाकिस्तान और इस्लाम को कमतर नहीं कर रहा, हम खुद पाकिस्तान और इस्लाम की छवि धूमिल कर रहे हैं. पाकिस्तान की छवि धूमिल करने के लिए हम खुद ही ज़िम्मेदार हैं.’
‘Pakistanis themselves give a bad name to Pakistan and Islam,’ says Malala Yousafzai. Watch #ITVideo for more. https://t.co/NounxnP7mg pic.twitter.com/LuKxFYs73z
— India Today (@IndiaToday) April 16, 2017
साथ ही वो कहती हैं कि पाकिस्तानियों को अपने धर्म के बारे में अच्छे से अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि यह धर्म शांति और सहिष्णुता का संदेश देता है. ‘हर पाकिस्तानी का अधिकार है कि वह शांति और सुरक्षा के साथ अपनी जिंदगी बिताए, अगर ऐसी हत्याएं होतीं रहीं तो कोई भी सुरक्षित नहीं होगा.’
आखिर में मलाला ने कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और सरकार से शांति और न्याय के लिए खड़े होने का अनुरोध करती हूं. मशाल खान के परिवार को न्याय दिलाने के लिए खड़े होइए और चुप नहीं बैठिए.’