बॉलीवुड के मशहूर एक्टर पंकज त्रिपाठी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, भारत भ्रमण करना है तो हवाई जहाज़, बस और कार से नहीं, बल्कि ट्रेन से सफ़र करिए, तभी आप भारत को अच्छे से समझ पाएंगे. पंकज त्रिपाठी की इस बात में दम नज़र भी आता है.

ट्रेन के सफ़र में हम भारत की उन अनछुई जगहों को अच्छे से देख और महसूस कर पाते हैं, जहां हम बस या फिर हवाई जहाज़ से भी नहीं पहुंच पाते. भारत भ्रमण चाहे आप साधारण ट्रेन से करें या फिर किसी लग्ज़री ट्रेन से, मज़ा आपको दोनों से आने वाला है.

भारत में ऐसी कई लग्ज़री टूरिस्ट ट्रेनें हैं जिनका इस्तेमाल केवल पर्यटकों के घूमने-फिरने के लिए किया जाता है. ऐसी ही एक लग्ज़री ट्रेन ‘Palace on Wheels’ भी है. वैसे तो इस ट्रेन का किराया 1 लाख रुपये के क़रीब है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते अब इसमें 30 प्रतिशत की कटौती कर दी गयी है.

छूट के बाद टिकिट की क़ीमत 42,840 रुपये प्रति व्यक्ति
‘पैलेस ऑन व्हील्स’ ट्रेन से यात्रा करने वाले घरेलू यात्रियों को अब 30% की छूट दी जा रही है. पहले जहां इसके ‘सुपर डीलक्स केबिन’ के 94,248 रुपये प्रति कपल लिए जाते थे, अब उसे घटाकर 70686 रुपये कर दिया गया है. एक व्यक्ति के लिए पहले 52,360 रुपये वसूले जाते थे, जो अब घटकर 42,840 रुपये हो गया है.

इस दौरान आप या तो ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ ट्रेन में 3 या 4 दिन की यात्रा के कार्यक्रम का विकल्प चुन सकते हैं. 3 दिवसीय यात्रा में आपको दिल्ली, जयपुर, स्वाई माधोपुर, आगरा और दिल्ली वापस लाने का कार्यक्रम होगा, जबकि 4 दिवसीय यात्रा में उदयपुर के साथ ये सभी पड़ाव शामिल होंगे.

कहां से कहां तक चलती है ये स्पेशल ट्रेन?
‘पैलेस ऑन व्हील्स’ ट्रेन की शुरुआत 26 जनवरी, 1982 को हुई थी. ये लग्ज़री टूरिस्ट ट्रेन नई दिल्ली से जयपुर, जयपुर से उदयपुर, उदयपुर से भरतपुर और आगरा होते हुए दिल्ली पहुंचती है. इस ट्रेन का इस्तेमाल अधिकतर विदेशी पर्यटक ही करते हैं.

ये लग्ज़री ट्रेन पिछले साल सितंबर से यात्रा शुरू होने वाली थी, लेकिन कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण विदेशी टूरिस्टों के नहीं आने से ये चल न सकी. अब पर्यटन विकास निगम (RTDC) ने ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ ट्रेन को घरेलू यात्रियों के लिए इस साल फ़रवरी से चलाने की योजना बनाई है.