अब अगर घर पर रोटी के नाम पर परांठा मांगे तो अम्मा कंटाप मार मुंह परांठा कर देंगी. सही बता रहा हूं. काहे कि रोटी मतलब रोटी और परांठा मने परांठा होता है. दोनों के बीच 13 फ़ीसदी के टैक्स का अंतर है. अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) की कर्नाटक बेंच ने शुक्रवार को परांठा का परांठा और रोटी का रोटी कर दिया है. जीएसटी का नियमन करते हुए अथॉरिटी ने रोटी को 5 फ़ीसदी और पंराठे को 18 फ़ीसदी के स्लैब में रखा है.
दरअसल, कर्नाटक की एक प्राइवेट फ़ूड मैनुफ़ैक्चरिंग कंपनी ने याचिका दायर की थी कि परांठे को खाखरा, प्लेन चपाती या रोटी की कैटेगरी में रखा जाना चाहिए. उनकी मांग थी कि कि गेहूं से बना पराठे और मालाबार पराठे (रोटी) पर एक समान जीएसटी दर लगाने का आदेश दिया जाए. लेकिन एएआर ने इससे काफ़ी अलग राय रखी.
आदेश में कहा गया है कि रोटी पहले से ही बना-बनाया या पूरी तरह से पका हुआ उत्पाद है, जबकि पराठे को खाने से पहले गर्म करना होता है. रोटी के उलट परांठे को खाने लायक बनाने के लिए और प्रोसेसिंग करने की ज़रूरत पड़ती है. इस आधार पर अथॉरिटी परांठे को 1905 के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं कर सकती इसलिए ये जीएसटी की 99ए एंट्री के तहत भी नहीं आएगा. गौरतलब है कि जीएसटी नोटिफ़िकेशन के शेड्यूल 1 की एंट्री 99ए के तहत रोटियों पर 5 फ़ीसदी की दर से जीएसटी लगता है.
इस फ़ैसले पर मौज लेने से उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी ख़ुद को रोक न पाए. उन्होंने ट्वीट किया, ‘देश में अन्य चुनौतियों की तरह अगर परांठा के अस्तित्व के संकट को लेकर हम परेशान होते हैं तो आप हैरान हो सकते हैं. मुझे पूरा यक़ीन है कि भारतीय जुगाड़ कौशल से ‘परोटीस’ की नई नस्ल तैयार होगी जो किसी भी वर्गीकरण को चुनौती देगी.’
With all the other challenges the country is facing, it makes you wonder if we should be worrying about an existential crisis for the ‘Parota.’ In any case, given Indian jugaad skills, I’m pretty sure there will be a new breed of ‘Parotis’ that will challenge any categorisation! https://t.co/IwHXKYpGHG
— anand mahindra (@anandmahindra) June 12, 2020
महिंद्रा साहब चिंता न करें, नई नस्ल बहुत पहले ही तैयार हो चुकी है. हमारे घरों में रोटी को तेल में सेक कर परोटीस बनाने का फ़र्जीवाड़ा बरसों से चल रहा है. ख़ैर अब ऐसे क्रांतिकारी निर्णयों पर तफ़री न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. ट्विटर पर भुक्खड़ मीमबाज़ों ने पराठे पर ख़ुद की रोटियां सेकना शुरू कर दी है. ये देखिए.
#HandsOffPorotta
— Aniket (@theanified) June 12, 2020
Porottas right now pic.twitter.com/jidcabFIOt
Are you Kidding me????
— Keyur Lunagariya (@keyur_l) June 12, 2020
5% GST for Roti / Chapati
18% GST for Porotta / Parathas
After castism and Racism now it’s time to Food Fascism !! ??
Discrimination continues…#GST @GST_Council pic.twitter.com/k6haK6myxJ
Gov says #Parotta are not roti’s and hence will attract 18% GST making parotta/paratha a luxury item in comparison to 5% GST charged for roti’s.
— utsav jain (@utsav_j05) June 12, 2020
Meanwhile #Parotta to other breads:#HandsOffPorotta pic.twitter.com/Hck8iRe9jE
#HandsOffPorotta
— Vivek Raj Thakur (@VivekRajThakur6) June 12, 2020
GST on chapati – 5 %
GST on Parotha – 18 %
Meanwhile chappati to parotha: pic.twitter.com/K60yiVMqVL
18 % GST on paratha
— JRism (@Chaotic_mind999) June 12, 2020
5 % GST on Roti and Chapati
Meanwhile Punjabis : pic.twitter.com/QSinFxN4sh
Meanwhile Roti after 5% GST pic.twitter.com/6Wf3cbbIsc
— Neha (@Neha45993729) June 12, 2020
Aaloo Parantha Other Parantha
— Logical Army (@logical_army_) June 12, 2020
With 18% GST With 5% GST pic.twitter.com/XXYhQSQfoy
There will be further tweaks. 1.Plain paratha @18%,
— Amitoj Singh (@AmitojS41620823) June 12, 2020
2.Butter Paratha@22%
3. Alu Paratha@25% &
Keema Paratha@30%..#HandsOffPorotta
#5%GST #Porotta #Senseless pic.twitter.com/nlcWXKfr3r
Me after ordering 2 parottas
— the_truth speaker (@the_kevat) June 12, 2020
😂😂😂#handsoffporotta pic.twitter.com/kNqCUvAvrj
#HandsOffPorotta
— karl rock (@khashtivallabh) June 12, 2020
If Parotta was alive : pic.twitter.com/f1yEi0pAA6
#HandsOffPorotta
— Rohit (@backpack_nomad) June 12, 2020
Parotta after being charged at a GST of 18% pic.twitter.com/3CVyoa4rKI
#HandsOffPorotta #TelKiMaar
— Malabar Porotta (@StarsSpear) June 12, 2020
*Paratha has 18 % GST*
BJP : pic.twitter.com/EcVaAVqHWv
Meanwhile Parotta to Roti :-#HandsOffPorotta pic.twitter.com/rEYw5kgf3N
— Thakkar Shourya (@ThakkarShourya) June 12, 2020
क्या आप भी सोचते हैं कि ये फ़ैसला परांठे के साथ घोर अन्याय है. हमें अपनी राय कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.