साल 2012 निर्भया केस के चारों गुनहगारों को अब 22 जनवरी के बजाय 1 फ़रवरी को फांसी दी जाएगी. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए 1 फ़रवरी को सुबह 6:00 बजे फांसी देने के आदेश दिए हैं.
2012 Delhi gang-rape case: A Delhi court issues fresh death warrant for convicts for 1st February, 6 am pic.twitter.com/hHvXo6Av1d
— ANI (@ANI) January 17, 2020
इससे पहले भी 4 दोषियों में शामिल विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने ‘क्यूरेटिव पिटीशन’ दायर की थी. 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दी थी. इसके बाद मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी दया याचिका भेजी थी.

अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को मुकेश सिंह की दया याचिका भी खारिज कर दी है. इसके साथ ही मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने का अंतिम रास्ता भी बंद हो गया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद अब गृह मंत्रालय ने इसकी फ़ाइल दिल्ली सरकार के पास भेज दी है.
हालांकि, अब भी दोषी विनय शर्मा के पास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजने, जबकि अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प बाकी हैं.

राष्ट्रपति को होता है सजा माफ़ करने का अधिकार
जानकारी दें कि फांसी की सजा पाया कोई भी दोषी राष्ट्रपति के पास रहम पाने के लिए दया यायिका दायर कर सकता है. वहीं, राष्ट्रपति को संविधान की धारा-72 के तहत ये अधिकार हासिल है कि वो फांसी की सजा माफ़ कर सकते हैं.