दशहरे के दिन, अमृतसर की दिल दहला देने वाली घटना को अभी ढंग से 1 महीना भी नहीं हुआ है और पंजाब के लोगों ने दोबारा अपनी जान हथेली पर रख दी है.
छठ महापर्व के आख़री दिन बठिंडा से ये तस्वीरें आई हैं-
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सारा देश अमृतसर की घटना को ठीक से भूल भी नहीं पाया था कि लापरवाही का एक और उदाहरण पेश हो गया.
इस बार भी दर्शक छठ देखने के लिए रेलवे ट्रैक पर खड़े दिखाई दिए.
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ABP के अनुसार, पुलिस ने लोगों को ट्रैक से हटाने की कोशिश भी की लेकिन लोगों ने अनसुना कर दिया.
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अमृतसर हादसे के दौरान पटाखों के शोर तले ट्रेन के हॉर्न की आवाज़ दब गई थी और 60 से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. लेकिन छठ महापर्व में शोर की कोई बात नहीं थी और अगर ट्रेन आती ,तो लोगों को हॉर्न की आवाज़ सुनाई देती. क्या ये कोई वजह हुई इस तरह लापरवाही करने की?