दिल्ली में आमतौर पर जून के महीने में उमस भरी गर्मी से बुरा हाल होता है, लेकिन 28 जून एक अपवाद था. जंतर मंतर पर खुशगवार मौसम के बीच 2000 से अधिक लोग एक कैंपेन के तहत इकट्ठा हुए थे.
दरअसल पिछले कुछ महीनों में भीड़ द्वारा हत्याओं के खिलाफ़ देश भर के कई शहरों में लोगों ने #NotInMyName के बैनर तले शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट किया.
#NotInMyName का मतलब साफ़ है. पिछले कुछ महीनों में कभी गाय, बच्चा चोरी या दूसरी किसी वजहों के चलते जो भीड़ इंसान को मौत के घाट उतार दे रही है, उस हिंसा के साथ हमारा कोई वास्ता नहीं है. ये हिंसा कम से कम हमारे नाम पर नहीं होनी चाहिए.
हाल ही में बल्लभगढ़ में एक 16 वर्षीय मुस्लिम जुनैद की ईद से पहले पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और उसे लेकर लोगों में जमकर रोष था. लेकिन यहां मौजूद कई प्रदर्शनकारियों का मानना था कि ये प्रोटेस्ट केवल किसी खास समुदाय के समर्थन में इकट्ठा नहीं हुआ है, बल्कि ये प्रदर्शन हिंसक होती भीड़ की मानसिकता के खिलाफ़ है. एक ऐसी भीड़ जो कभी जुनैद खान को लील लेती है, तो कभी अयूब पंडित को अपना निशाना बना लेती है.
दुर्भाग्य से केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार, इन हिंसक होती भीड़ को लेकर किसी तरह का कोई एक्शन न लेकर इन्हें शह ही देती है. इसलिए यहां मौजूद लोग प्रोटेस्ट के माध्यम से भीड़ द्वारा हिंसा पर एक कड़े कानून की मांग भी कर रहे थे.
दिल्ली के जंतर मंतर के अलावा, मुंबई, लखनऊ, कोलकाता, हैदराबाद, तिरूवनंतपुरम और बेंगलुरू जैसे शहरों में ये विरोध मार्च निकाला गया. जंतर मंतर पर प्रदर्शन में शामिल होने वाले कुछ नामी चेहरे, आप नेता आशुतोष, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सिंगर रब्बी शेरगिल, एक्टर आदिल हुसैन, पत्रकार विनोद दुआ और रवीश कुमार थे.
वहीं मुंबई में हुए प्रदर्शन में शबाना आज़मी, कोंकणा सेन शर्मा, रजत कपूर, रनवीर शौरी, कल्की कोएचलिन, इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित अन्य ने कार्टर रोड पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया था.