देश में एक के बाद एक दलितों की बर्बर हत्या और बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती की मृत्यु के बाद, पुलिस द्वारा उसके ‘जबरन’ अंतिम संस्कार की घटना घटी. उसके बाद से ही इस युवती की मौत पर लीपा-पोती और राजनीतिकरण शुरू कर दिया गया. 

इस घटना के बाद दलितों के साथ हुई कई बर्बर घटनाएं सामने आईं. प्रशासन के बेरुखे रवैये और प्रेस पर लगाई गयी पाबंदियों से जनता का चिंतित होना लाज़मी है.

कल यानि गांधी जयंती, 2 अक्टूबर को पूरे देश में कोविड- 19 पैंडमिक की परवाह किए बग़ैर कईलोग दलितों के हक़ में आवाज़ बुलंद करते हुए सड़कों पर उतरे-  

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