कोरोना संकट के बीच देशभर में महंगाई आसमान छू रही है. महंगाई है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही. ऐसे में बचत जैसी चीज़ आम आदमी से कोसों दूर होती जा रही है. साल भर सैलरी बढ़ने का इंतज़ार करते हैं, जब तक कौड़ियों में सैलरी बढ़ती है, तब तक महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी होती है. ऐसे में आम आदमी की हालत ‘आमदनी अठन्नी, ख़र्चा रुपया’ वाली हो जाती है. इससे बढ़िया तो पहले का ज़माना था, तब न तो ज़्यादा सैलरी हुआ करती थी और न ही आसमान छूती महंगाई. कम से कम हम उस दौर में ख़ुश तो थे. आज तो इंसान की ज़िंदगी ‘नेटफ़्लिक्स के रिचार्ज’ से लेकर ‘मेट्रो के किराये’ में ही सिमट कर रही गई है.

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साल 2022 में दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों के बारे में तो पूछिए ही मत. बढ़ती महंगाई को देखकर तो लगता है जल्द ही पनीर भी सोनार की दुकानों पर मिलने लगेगा. लेकिन 20 साल पहले ऐसा नहीं था. क्या आप जानते हैं 20 साल पहले दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली इन 10 चीज़ों की क़ीमत क्या थी?

1- पेट्रोल (2002-2022) 

भारत में साल 2002 में 1 लीटर पेट्रोल की क़ीमत 27 रुपये के क़रीब थी, लेकिन 20 साल बाद इसकी क़ीमत बढ़कर 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है. मुंबई में सबसे अधिक 109 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा छू चुका है.

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2- चीनी (2002-2022) 

भारत में साल 2002 में 1 किलो चीनी की क़ीमत 8 रुपये से लेकर 15 रुपये के बीच थी. जबकि 20 साल बाद 2022 में चीनी 40 रुपये से लेकर 90 रुपये प्रति किलो बिक रही रही. क़्वालिटी के हिसाब से इसकी क़ीमत अलग-अलग भी हो सकती है.  

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3- डीज़ल (2002-2022) 

भारत में साल 2002 में 1 लीटर डीज़ल की क़ीमत 17 रुपये के क़रीब थी, लेकिन 20 साल बाद इसकी क़ीमत बढ़कर 99 रुपये प्रति लीटर के क़रीब पहुंच गई है.

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4- रसोई गैस (2002-2022) 

भारत में साल 2002 में रसोई गैस (LPG Cylinder) की क़ीमत 240 रुपये के क़रीब थी, लेकिन 20 साल बाद इसकी क़ीमत बढ़कर प्रति सिलेंडर 900 रुपये के क़रीब पहुंच गई है.  

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5- दूध (2002-2022) 

दूध हमारे दैनिक जीवन की सबसे प्रमुख ज़रूरतों में से एक है. आज से 20 साल पहले 1 लीटर दूध की क़ीमत 12 रुपये थी. लेकिन 2022 में इसकी क़ीमत बढ़कर 60 रुपये प्रति लीटर हो गई है. क़्वालिटी के हिसाब से इसकी क़ीमत अलग-अलग भी हो सकती है.

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6- सरसों तेल (2002-2022) 

भारत में साल 2002 में 1 लीटर सरसों तेल की क़ीमत 35 रुपये के क़रीब थी, लेकिन 20 साल बाद इसकी क़ीमत बढ़कर 220 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है.

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7- केरोसिन (2002-2022)

भारत में साल 2002 में 1 लीटर केरोसिन की क़ीमत 9 रुपये के क़रीब थी, लेकिन 20 साल बाद इसकी क़ीमत बढ़कर 40 रुपये प्रति लीटर के क़रीब पहुंच गई है.

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8- चायपत्ती (2002-2022)

भारत में साल 2002 में 1 किलो चायपत्ती की क़ीमत 70 रुपये के क़रीब थी, लेकिन 20 साल बाद इसकी क़ीमत बढ़कर 472 रुपये प्रति किलो के क़रीब पहुंच गई है. क़्वालिटी के हिसाब से इसकी क़ीमत अलग-अलग भी हो सकती है.

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9- नमक (2002-2022) 

भारत में एक नमक ही एकमात्र ऐसी चीज़ है जिसके दाम न के बराबर बढ़ते हैं, लेकिन 20 साल पहले 1 किलो नमक 1 से 5 रुपये के बीच बिकता था, जिसकी क़ीमत 2022 में बढ़कर 20 रुपये प्रति किलो हो गई है.

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10- प्याज़ (2002-2022) 

प्याज़ को किचन का ‘किंग’ भी कहा जाता है. इसकी क़ीमत को लेकर सरकारें भी गिर चुकी हैं. आज से 20 साल पहले प्याज़ की क़ीमत 10 रुपये प्रति किलो हुआ करती थी. लेकिन आज 1 किलो प्याज़ 60 रुपये में बिक रहा है. हालांकि, प्याज़ की क़ीमत बढ़ते घटते रहती है.

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क्यों लगा न महंगाई वाला झटका?

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